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Vinesh Phogat करेंगी कोचिंग! कहा- बलाली की पहलवानों को बनाऊंगी खुद से ज्यादा सफल

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक-2024 में मेडल जीतने से चूक गई थीं। वह शनिवार को भारत लौटीं और उनका जोरदार स्वागत किया गया। नई दिल्ली से उनके गावं बलाली तक उनका रोडशो था। अपने गांव पहुंचने के बाद विनेश ने कहा कि अगर वह अपने गांव की लड़कियों के साथ अपना अनुभव शेयर कर उन्हें खुद से ज्यादा सफल बना सकीं तो बहुत खुश होंगी।

By Agency Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Sun, 18 Aug 2024 08:07 PM (IST)
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विनेश फोगाट का भारत लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत
  पीटीआई, बलाली: पेरिस ओलंपिक से स्वदेश लौटने पर हुए भव्य स्वागत से अभिभूत विनेश फोगाट ने कहा कि अगर वह अपने गांव बलाली से महिला पहलवानों को प्रशिक्षित करके उन्हें खुद से अधिक सफल बना सकीं तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी। ओलंपिक में 50 किग्रा फाइनल में पहुंचने के बाद अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित की गईं विनेश का शनिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

विनेश ने अपनी अयोग्यता के विरुद्ध खेल पंचाट न्यायालय में अपील की थी लेकिन उसके तदर्थ प्रभाग ने उसे खारिज कर दिया था। दिल्ली से अपने पैतृक गांव बलाली तक के रास्ते में विनेश को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने सम्मानित किया। उन्हें 135 किलोमीटर की दूरी पूरी करने में लगभग 13 घंटे का समय लगा। वह मध्य रात्रि के समय अपने गांव पहुंची।

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'यह मेरी उपलब्धि होगी'

गांव वालों ने उनका पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। पेरिस से यहां तक के लंबे सफर के कारण विनेश काफी थक गई थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रशंसकों को संबोधित किया। विश्व चैंपियनशिप में दो बार की पदक विजेता विनेश ने उम्मीद जताई कि गांव का कोई खिलाड़ी उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा और उनसे अधिक सफलता हासिल करेगा। उन्होंने कहा, 'मैं तहेदिल से चाहती हूं कि गांव का कोई व्यक्ति मेरी विरासत को आगे ले जाए और मेरे रिकार्ड तोड़ दे। अगर मैं अपने गांव की महिला पहलवानों को बढ़ावा दे सकती हूं, तो यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।'

विनेश ने कहा, "अगर इस गांव से कोई पहलवान नहीं निकलता है तो यह निराशाजनक होगा। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि गांव की महिलाओं का समर्थन करें। अगर उन्हें हमारी जगह लेनी है तो उन्हें आपके सहयोग और समर्थन की जरूरत पड़ेगी।'

गांव की बहनों के साथ शेयर करना चाहती हैं अनुभव

उन्होंने कहा, 'मैंने कुश्ती में जो कुछ भी सीखा है, मुझे नहीं पता कि वह ईश्वर प्रदत्त है या मेरी कड़ी मेहनत है, लेकिन मेरे पास जो कुछ भी है मैं इस गांव की अपनी बहनों के साथ साझा करना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि वह मुझसे भी अधिक उपलब्धियां हासिल करें।'

विनेश ने कहा, 'तब मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि वह मेरे गांव की रहने वाली है और मैंने उसे प्रशिक्षण दिया है। मैं चाहती हूं कि मेरे गांव का कोई पहलवान मेरे रिकॉर्ड तोड़े। मेरे लिए इतनी रात तक जागने के लिए आप सभी का आभार।'

विनेश ने अयोग्य ठहराए जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीते हैं और वह एशियाई खेलों की चैंपियन भी हैं। उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में आठ पदक जीते हैं।

सच्चाई के लिए जारी रहेगी लड़ाई

इससे पहले विनेश ने कहा कि भारतीय कुश्ती की बेहतरी के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के विरुद्ध उनकी लड़ाई जारी रहेगी और आशा जताई कि सच्चाई की जीत होगी। विनेश ने कहा, 'हमारी लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। लड़ाई जारी रहेगी और मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि सच्चाई की जीत होगी।'

विनेश और उनके साथी ओलंपियन बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर डब्ल्यूएफआई और उसके पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध एक वर्ष से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

स्वागत से मिली आगे बढ़ने की प्रेरणा

विनेश ने यह भी कहा कि उनका जिस तरह से शानदार स्वागत किया गया उससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। इस 29 वर्षीय पहलवान ने कहा, 'मुझे अपने देशवासियों, मेरे गांव और परिवार के सदस्यों से जो प्यार मिला उससे मुझे इस झटके से उबरने में मदद मिलेगी। मैं वापस कुश्ती में लौट सकती हूं।'

उन्होंने कहा,'ओलंपिक पदक से चूकना मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा झटका है। मैं नहीं जानती कि मुझे इससे उबरने में कितना समय लगेगा। मैं नहीं जानती कि मैं कुश्ती में वापसी करूंगी या नहीं लेकिन आज मुझे जो साहस मिला है उसका मैं सही दिशा में प्रयोग करना चाहती हूं।'

ताऊ का नाम नहीं लेने से बहनें, जीजा नाराज

विनेश ने हालांकि इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट और अपने संबोधन में अपने ताऊ महावीर फोगाट का जिक्र नहीं किया, जिससे उनकी चचेरी बहनें गीता और बबीता नाराज हो गईं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में अपनी निराशा व्यक्त की। गीता ने एक्स पर लिखा, 'कर्मों का फल सीधा सा है। 'छल का फल छल' आज नहीं तो कल।' गीता के पति पवन सरोहा भी पहलवान हैं, उन्होंने विनेश को महावीर के बारे में याद दिलाया।

सरोहा ने लिखा, 'विनेश आपने बहुत ही बढि़या लिखा है लेकिन शायद आज आप अपने ताऊ जी महावीर फोगाट को भूल गई हैं, जिन्होंने आपके कुश्ती जीवन को शुरू किया था। भगवान आपको सदबुद्धि दे।' बबीता ने लिखा, 'हर वो कामयाबी हार है। जिसका मकसद सिर्फ हर किसी को नीचा दिखाना है।'

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