Vinesh Phogat करेंगी कोचिंग! कहा- बलाली की पहलवानों को बनाऊंगी खुद से ज्यादा सफल
विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक-2024 में मेडल जीतने से चूक गई थीं। वह शनिवार को भारत लौटीं और उनका जोरदार स्वागत किया गया। नई दिल्ली से उनके गावं बलाली तक उनका रोडशो था। अपने गांव पहुंचने के बाद विनेश ने कहा कि अगर वह अपने गांव की लड़कियों के साथ अपना अनुभव शेयर कर उन्हें खुद से ज्यादा सफल बना सकीं तो बहुत खुश होंगी।
पीटीआई, बलाली: पेरिस ओलंपिक से स्वदेश लौटने पर हुए भव्य स्वागत से अभिभूत विनेश फोगाट ने कहा कि अगर वह अपने गांव बलाली से महिला पहलवानों को प्रशिक्षित करके उन्हें खुद से अधिक सफल बना सकीं तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी। ओलंपिक में 50 किग्रा फाइनल में पहुंचने के बाद अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित की गईं विनेश का शनिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।
विनेश ने अपनी अयोग्यता के विरुद्ध खेल पंचाट न्यायालय में अपील की थी लेकिन उसके तदर्थ प्रभाग ने उसे खारिज कर दिया था। दिल्ली से अपने पैतृक गांव बलाली तक के रास्ते में विनेश को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने सम्मानित किया। उन्हें 135 किलोमीटर की दूरी पूरी करने में लगभग 13 घंटे का समय लगा। वह मध्य रात्रि के समय अपने गांव पहुंची।यह भी पढ़ें- Vinesh Phogat: विनेश से मिलकर भावुक हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा, रेसलर को गदा देकर किया सम्मानित
'यह मेरी उपलब्धि होगी'
गांव वालों ने उनका पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। पेरिस से यहां तक के लंबे सफर के कारण विनेश काफी थक गई थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रशंसकों को संबोधित किया। विश्व चैंपियनशिप में दो बार की पदक विजेता विनेश ने उम्मीद जताई कि गांव का कोई खिलाड़ी उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा और उनसे अधिक सफलता हासिल करेगा। उन्होंने कहा, 'मैं तहेदिल से चाहती हूं कि गांव का कोई व्यक्ति मेरी विरासत को आगे ले जाए और मेरे रिकार्ड तोड़ दे। अगर मैं अपने गांव की महिला पहलवानों को बढ़ावा दे सकती हूं, तो यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।'
विनेश ने कहा, "अगर इस गांव से कोई पहलवान नहीं निकलता है तो यह निराशाजनक होगा। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि गांव की महिलाओं का समर्थन करें। अगर उन्हें हमारी जगह लेनी है तो उन्हें आपके सहयोग और समर्थन की जरूरत पड़ेगी।'
गांव की बहनों के साथ शेयर करना चाहती हैं अनुभव
उन्होंने कहा, 'मैंने कुश्ती में जो कुछ भी सीखा है, मुझे नहीं पता कि वह ईश्वर प्रदत्त है या मेरी कड़ी मेहनत है, लेकिन मेरे पास जो कुछ भी है मैं इस गांव की अपनी बहनों के साथ साझा करना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि वह मुझसे भी अधिक उपलब्धियां हासिल करें।'
विनेश ने कहा, 'तब मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि वह मेरे गांव की रहने वाली है और मैंने उसे प्रशिक्षण दिया है। मैं चाहती हूं कि मेरे गांव का कोई पहलवान मेरे रिकॉर्ड तोड़े। मेरे लिए इतनी रात तक जागने के लिए आप सभी का आभार।'विनेश ने अयोग्य ठहराए जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीते हैं और वह एशियाई खेलों की चैंपियन भी हैं। उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में आठ पदक जीते हैं।