कौन हैं हरविंदर और धर्मबीर, जिन्होंने भारत को Paralympics 2024 में गोल्ड जिताकर रचा इतिहास
Paralympics 2024 पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन जारी है। 4 सितंबर को भारत की झोली में दो गोल्ड मेडल आए। भारतीय एथलीट्स ने 2 गोल्ड सहित देश को कुल 4 मेडल जिताए। इसके साथ ही भारत पैरालंपिक पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंचा। भारत को सातवें दिन हरविंदर सिंह और धर्मबीर सिंह ने गोल्ड मेडल जिताए। आइए जानते हैं इनके बारे में।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने अब तक कुल 24 पदक जीत लिए हैं। बुधवार की देर रात F51 क्लब थ्रो के इवेंट में धर्मबीर ने भारत को गोल्ड जिताया। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 34.92 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता। उनके अलावा इसी इवेंट में भारत के प्रणव सूरमा सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे।
पैरालंपिक के सातवें दिन भारत ने कुल 4 मेडल अपने नाम किए, जिसमें दो गोल्ड मेडल शामिल रहे। भारत को गोल्ड जिताने वाले एक तो धर्मबीर रहे और दूसरे तीरंदाज हरविंदर सिंह रहे, जो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाजी बने। इस आर्टिकल के जारिए जानते हैं कौन हैं हरविंदर सिंह और धर्मबीर।
Paralympics 2024: कौन हैं धर्मबीर, जिन्होंने भारत को दिलाया गोल्ड
दरअसल, पेरिस पैरालंपिक के 7वें दिन धर्मबीर ने मेंस क्लब थ्रो (F51) में भारत को गोल्ड जिताया। उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 34.92 मीटर का थ्रो किया। धर्मबीर की शुरुआत खास नहीं रही थी। उन्होंने शुरू के चार थ्रो फाउल कर दिए थे, लेकिन वह हताश नहीं हुए और अपने 5वें प्रयास में वह सबसे आगे निकल गए।35 साल के धर्मबीर हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। धर्मबीर F51 एथलीट हैं, जिनका कमर के नीचे के भाग बुरी तरह से प्रभावित है और वो बैठकर खेल में हिस्सा लेते है। धर्मबीर एक बार पानी में गोता लगाने के प्रयास कर रहे थे। वह पानी में कूदे, लेकिन गहराई का गलत अनुमान लगाया और इस वजह से पानी में पड़े एक बड़ी चट्टान से वह टकरा गए। ये घटना इतनी घातक थी कि वह पैरालिसिस का शिकार हो गए।
Paralympics 2024: कौन हैं हरविंदर सिंह, जिन्होंने गोल्ड जीतकर रचा इतिहास
भारत को पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जिताने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह ने इतिहास रच दिया। वह पैरालंपिक के इतिहास में भारत को पहली बार तीरंदाजी स्पर्धा में स्वर्ण जिताने वाले पहले भारतीय बने। मेंस व्यक्तिगत रिकर्व ओपन के फाइनल में 33 साल के हरविंदर ने पोलैंड के लुकाज सिजेक को 6-0 से मात थी।बता दें कि हरियाणा में अजीत नगर के किसान परिवार में हरविंदर सिंह का जन्म हुआ। जब वह डेढ़ साल के थे तो वह डेंगू का शिकर बने और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के चलते उनके पैरों की गतिशीलता चली गई।