कौन हैं Gukesh D? विश्वनाथन आनंद को पछाड़कर नई सनसनी बने शतरंज खिलाड़ी के बारे में जानें सबकुछ
गुकेश डी 36 साल में प्रकाशित फिडे वर्ल्ड रैंकिंग्स में विश्वनाथन आनंद को पछाड़ने वाले पहले भारतीय बनेंगे। गुकेश डी की वर्ल्ड कप में दूसरे राउंड मैच में मिस्रतदिन इसकांदारोव पर जीत ने भारतीय चेस सर्किट में इतिहास रच दिया। गुकेश अब भारत के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी बनेंगे। गुकेश लाइव रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर-9 हैं जबकि पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद 10वें स्थान पर खिसक गए हैं।
By Abhishek NigamEdited By: Abhishek NigamUpdated: Fri, 04 Aug 2023 03:37 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। गुकेश डी ने भारतीय शतरंज सर्किट में इतिहास रच दिया। गुकेश डी ने वर्ल्ड कप के दूसरे राउंड मैच में मिस्रतदिन इसकांदारोव को पटखनी देकर रिकॉर्ड बना दिया।
जब शतरंज की वैश्विक ईकाई फिडे (विश्व शतरंज महासंघ) अपनी मासिक रैंकिंग जारी करेगा तो गुकेश सबसे ऊंची रैंकिंग वाले भारतीय शतरंज खिलाड़ी होंगे। 36 साल में पहली बार रैंकिंग में भारतीयों में नंबर-1 पर विश्वनाथन आनंद का नाम नहीं होगा। अब आनंद का ताज गुकेश के पास चला जाएगा।
किस स्थान पर हैं गुकेश?
गुकेश डी लाइव रैंकिंग में नंबर-9 पर हैं। वहीं पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद 10वें स्थान पर खिसक गए हैं। विश्वनाथन आनंद वेस्टब्रिज आनंद चेस एकेडमी के जरिये युवा गुकेश के मेंटर रहे हैं। आनंद के लिए इससे बड़ी खुशी क्या होगी कि उनके शार्गिद इस क्षेत्र में बुलंदियों को छुएंगे।इसका प्रमाण तब देखने को मिला जब भारत के पहले ग्रैंडमास्टर आनंद ने ट्विटर पोस्ट के जरिये गुकेश को शुभकामनाएं दी। आनंद ने ट्वीट किया, ''बहुत गर्व! हमने एक ग्रैंडमास्टर, एक वर्ल्ड चैंपियन के साथ शुरुआत की और अब टॉप-10 खिलाड़ियों में हमारे दो लोग हैं। भारतीय प्रतिभा की पीढ़ी को शुभकामनाएं, विशेषकर हमारे नए नंबर-1 गुकेश को बधाई।''
कौन हैं गुकेश डी?
डोमाराजू गुकेश असल में गुकेश डी के नाम से लोकप्रिय हैं। गुकेश डी का आनंद की तरह चेन्नई से ताल्लुक है। गुकेश के पिता ईएनटी (कान, नाक और गला) विशेषज्ञ हैं और उनकी मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं। गुकेश डी का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ।गुकेश डी ने सात साल की उम्र में शतरंज सीखना शुरू किया। उन्हें अपने स्कूली दिनों में पहले कोच भास्कर से काफी मदद मिली। भास्कर ने गुकेश को केवल छह महीने में फिडे रेटेड खिलाड़ी बनने में मदद की। इसके बाद विजयानंद के मार्गदर्शन में गुकेश ने शतरंज की बारीकियां सीखीं। विजयानंद ही गुकेश के कोच बने।