Paria Paralympics 2024: कौन हैं Hokato Sema? नागालैंड के एथलीट ने शॉट पुट में जीता ब्रॉन्ज मेडल
होकातो होतोजे सेमा ने पेरिस पैरालंपिक्स में शॉटपुट एफ57 में ब्रॉन्ज मेडल जीता। होकातो सेमा का ब्रॉन्ज मेडल भारत और नागालैंड के लिए ऐतिहासिक पल बना। निजी दुखद घटना से उबरकर सेमा ने पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ा और देश का नाम रोशन किया। सेमा नागालैंड से भारत के लिए पैरालंपिक मेडल लाने वाले पहले एथलीट बने। 2002 में होकातो सेमा का सपना अधूरा रह गया था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक-2024 में होकातो सेमा ने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाला है। होकातो ने पुरुषों की शॉटपुट एफ5 स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इसी के साथ होकातो ने इतिहास रच दिया। वह पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले नागालैंड के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। होकातो का नाम कई लोगों ने सुना तक नहीं होगा, लेकिन अब वह पूरे भारत में नाम कमा चुके हैं।
होकातो का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने काफी संघर्ष और मेहनत के बाद इस मेडल पर कब्जा किया है और जब उन्होंने मेडल जीता था तब उनके जश्न ने इस बात को बयां कर दिया था।
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एक हादसे में टूटा सपना
24 दिसंबर 1983 को नागालैंड में पैदा हुए होकातो एक किसान परिवार के बेटे हैं। उनके पिता के चार बच्चे हैं जिसमें से दूसरे नंबर के होकातो हैं। काफी कम उम्र से ही उन्हें देश की सेवा करने का शौक था। उनका सपना स्पेशल फोर्स में जाने का था। इसके लिए उन्होंने मेहनत भी काफी की थी। होकातो ने फिजिकल फिटनेस और मानसिकत ताकत को बढ़ाने के लिए काफी जोर लगाया। लेकिन 14 अक्टूबर 2002 को कुछ ऐसा हो गया कि उनकी जिंदगी बदल गई। एक माइन ब्लास्ट में उनका घुटने से नीचे तक का पैर चला गया। इसी के साथ उनका स्पेशल फोर्स में जाने का सपना भी टूट गया।
नहीं मानी हार
होकातो ने हार नहीं मानी। उन्होंने पैरा एथलेटिक्स की तरफ अपना फोकस किया और शॉट पुट की ट्रेनिंग करने लगे। पुणे के आर्मी पैरालंपिक सेंटर पर उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की। यहां उन्होंने अपने खेल पर ध्यान दिया और महारत हासिल की। उनकी मेहनत रंग लाई। भारत के लिए होकातो ने इंटरनेशनल स्टेज पर कई मेडल जीते। एशियाई पैरा गेम्स में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। मोरक्को ग्रां प्री में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता।
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