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Russia India Talks: जयशंकर बोले- यूक्रेन विवाद का निकले बातचीत से समाधान, तो लावरोव ने की भारत के रवैये की प्रशंसा

Russia India Talks रूस और भारत के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसमें भारत दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने समकक्षीय एस जयशंकर शामिल हुए। इस मुलाकात पर पूरे विश्‍व की निगाह लगी हुई थीं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 01:20 PM (IST)
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यूक्रेन से जारी लड़ाई के बीच भारत और रूस के बीच अहम वार्ता (एएनआई फोटो)
नई दिल्‍ली (एएनआई/आनलाइन डेस्‍क)। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सर्गेई दो दिवसीय दौरे पर कल भारत पहुंचे थे। उनका ये दौरा ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई छिड़ी है और ये लड़ाई दूसरे माह में पहुंच चुकी है। यही वजह है कि उनका ये दौरा बेहद खास माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच हुई वार्ता पर सभी की नजरें टिकी हुई थी। 

बातचीत के जरिए समाधान निकले

इस बातचीत के दौरान भारत ने विश्‍व के सामने मौजूदा समय में उपजी चिंताओं के बीच संबंधों को मजबूत करने का संकल्‍प दोहराया है। वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा कि महामारी के अलावा भी वर्तमान समय में विश्‍व का वातावरण काफी कुछ बदला हुआ है। भारत चाहता है कि यूक्रेन से समस्‍याओं का समाधान बातचीत के साथ निकाला जाए। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध कई क्षेत्रों में बढ़े हैं।  

भारत के रवैये की सराहना

इस वार्ता में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमारे पश्चिमी दोस्‍त मौजूदा समय में सभी अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दों को यूक्रेन विवाद के साथ जोड़कर उसका महत्‍व कम करने में लगे हुए हैं। उन्‍होंने भारत के इस मुद्दे पर तटस्‍थ बने रहने पर भारत की जमकर सराहना की और कहा कि वो किसी से लड़ाई नहीं चाहते हं। सर्गेई ने कहा कि वो भारत के रवैये की सराहना करते हैं कि उसने पूरे विवाद को जाना और समझा और एकतरफा कोई फैसला नहीं लिया। 

प्रतिबंधों को लेकर भारत पर दबाव 

बता दें कि इस जंग के छिड़ने के बाद से ही रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। हालांकि इन प्रतिबंधों का असर कहीं न कहीं सभी देशों पर पड़ रहा है। वहीं भारत पर भी रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने और अमेरिका का साथ देने के लिए लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। इस लिहाज से भी सर्गेई के इस दौरे की अहमियत काफी बढ़ गई है।

यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी मंत्री की पहली भारत यात्रा 

यूक्रेन पर हमले के बाद ये किसी भी रूस के मंत्री का ये पहला दौरा भी है। यहां पर ये भी बताना बेहद जरूरी है कि भारत ने अब तक संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्‍त राष्‍ट्र की आम सभा में लाए रूस के खिलाफ  प्रस्‍ताव से दूरी बनाकर रखी है। ऐसा करके भारत ने इस मुद्दे पर तटस्‍थ बने रहने का साफ संकेत दिया है। भारत के इस रवैये पर पिछले सप्‍ताह अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था इस मुद्दे पर अमेरिका के सभी सहयोगी उसके साथ हैं, लेकिन भारत का रवैया इस मुद्दे पर गोलमोल रहा है।

मास्‍को की मदद से भारतीयों को निकाला 

गौरतलब है कि यूक्रेन से जंग की शुरुआत में ही भारत की तरफ से वहां मौजूद अपने नागरिकोंं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। इसके बाद रूस ने सुरक्षित कारिडोर भी मुहैया करवाया था। रूस के इस सहयोग के बाद भारत के रेस्‍क्‍यू आपरेशन में काफी तेजी भी आई थी। गौरतलब है कि आज रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता भी होनी है।