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विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- सीमा पर PLA की हरकतों के चलते 'बेहद कठिन दौर' से गुजर रहे भारत चीन के संबंध

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने बैंकाक के प्रतिष्ठित चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय (Chulalongkorn University) में इंडियाज विजन ऑफ द इंडो-पैसिफिक विषय पर व्याख्यान में चीन पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि पीएलए की आक्रामकता से चीन और भारत के संबंधों में खटास आई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:50 PM (IST)
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अपने थाइ समकक्ष दोन प्रमुदविनै के साथ प्रेस को संबोध‍ित करते विदेश मंत्री एस. जयशंकर... (AP Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि बीजिंग ने सीमा पर जो किया है, उसके बाद से भारत और चीन के बीच संबंध बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संबंध सामान्य बनाने में चीन की हरकतें आड़े आ रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि एशियाई सदी तब होगी जब चीन और भारत साथ आएंगे, लेकिन अगर ये दोनों देश एक साथ नहीं आ सके तो एशियाई सदी होना मुश्किल है। जयशंकर बैंकाक के बेहद प्रतिष्ठित चुलालोंगकार्न विश्वविद्यालय में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत की दृष्टि विषय पर भाषण देने के बाद विद्यार्थियों व विशेषज्ञों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, संबंध सामान्य बनाने के आड़े आ रहीं सीमा पर चीन की हरकतें
  • हिंद प्रशांत क्षेत्र को आजाद और शांतिप्रिय बनाने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा

मिलकर करना होगा काम 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के सभी देशों से भी आह्वान किया कि इस पूरे क्षेत्र को आजाद, मुक्त और शांतिप्रिय बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच एक साथ काम करने के लिए कई क्षेत्र हैं। सिर्फ श्रीलंका ही एक कारण नहीं है, लेकिन इसके लिए चीन को अपने विचार बदलने होंगे। हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष बुद्धिमता से काम लेगा।

रिश्‍तों में आई खटास 

बताते चलें कि भारत के पूर्वी लद्दाख के इलाकों में मई, 2020 में चीन के सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास आ चुकी है। विदेश मंत्रियों के स्तर पर कई बार बातचीत होने के बावजूद अभी भी चीन ने अपने सैनिकों को पूरी तरह से नहीं हटाया है। सितंबर, 2022 में भी जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात होने की संभावना है।

क्वाड से पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को फायदा होगा

जयशंकर ने कहा कि क्वाड से पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को फायदा होगा। चार देशों के गुट (भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया) की गतिविधियों में किसी भी तरह की आपत्ति जताना सामूहिक और सहकारी प्रयासों का एकतरफा विरोध है। भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए क्वाड की 2017 में स्थापना की गई थी।

क्‍वाड का किया जिक्र 

उन्होंने कहा कि क्वाड सबसे प्रमुख बहुपक्षीय मंच है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समकालीन चुनौतियों और अवसरों का समाधान करता है। क्वाड में समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत, साइबर सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकी शिक्षा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष सहयोग पर मंथन होता है। बता दें कि चीन का विदेश मंत्रालय अमेरिका के नेतृत्व वाले क्वाड समूह का लगातार विरोध करता रहा है। चीन का दावा है कि ये समूह चीन के आसपास के क्षेत्र को बदलने का लक्ष्य रखता है। इसका उद्देश्य चीन को नियंत्रित करना है।

भारत की इच्छा, म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल हो

विदेश मंत्री ने एक पड़ोसी देश म्यांमार के बारे में भी विस्तार से विचार रखे। कहा, भारत चाहता है कि म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल हो। भारत उसका निकटतम पड़ोसी देश भी है और वहां की कई समस्याओं का उस पर सीधा असर पड़ता है। रूस से तेल खरीद से संबंधित सवाल पर जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए अलग तर्क नहीं होने चाहिए। सिर्फ भारत ही वहां से तेल व गैस नहीं खरीद रहा है। भारत एक कम आय वाला देश है और कच्चे तेल की कीमतों में एक डालर की भी वृद्धि होती है तो भारतवासी अपनी बचत से उसका भुगतान करता है।

रक्षा, व्यापार संबंधों को और प्रगाढ़ करेंगे भारत व थाइलैंड

भारत और थाइलैंड रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ करेंगे। दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत-थाइलैंड संयुक्त आयोग (जेसीएम) की नौवीं बैठक में भाग लेने के लिए बैंकाक के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। बुधवार को विदेश मंत्री ने अपने थाइ समकक्ष दोन प्रमुदविनै के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बातचीत की। थाइलैंड दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार है।

हिंदू मंदिर में जयशंकर ने पूजा-अर्चना की

जयशंकर गुरुवार को थाइलैंड में हिंदू धर्म के केंद्र देवस्थान में पूजा-अर्चना की। बैंकाक के फ्रा नाखोन जिले में वाट सुतहाट के समीप स्थित थाइ शाही कोर्ट का देवस्थान या शाही ब्राह्माण कार्यालय देश में हिंदू धर्म का आधिकारिक केंद्र है। यह मंदिर शाही कोर्ट के ब्राह्माणों का निवास है। ये ब्राह्माण तमिलनाडु के रामेश्वरम से आए पुरोहितों के वंशज हैं।