India Britain Relation: एफटीए पूरा करने के लिए ब्रिटेन को छोड़नी होगी औपनिवेशिक मानसिकता
गत बुधवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई बातचीत में दोनों के बीच एफटीए को लेकर सहमति बन गई। इसका फायदा यह होगा कि दोनों देशों के अन्य मंत्री या अधिकारी इस वार्ता में कोई अडंगा नहीं लगा सकेंगे।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर भारत-ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के राजी हो जाने से अब इस वार्ता में कोई रुकावट पैदा नहीं होने जा रही है। जल्द ही फिर से दोनों देशों के बीच एफटीए पर वार्ता शुरू हो जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अगले माह एफटीए वार्ता के फिर से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन इस एफटीए को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ब्रिटेन को भारत के प्रति अपनी औपनिवेशिक मानसिकता को दूर रखना होगा।
ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीच बातचीत से एफटीए पर सहमति
हाल ही में ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला बेवरमैन ने बयान दिया था कि भारत-ब्रिटेन का एफटीए होने पर भारतीयों का अवैध प्रवास ब्रिटेन में बढ़ जाएगा। यह बात भारत को बहुत ही नागवार गुजरी और दोनों देशों के बीच वार्ता के ठप पड़ने की एक वजह यह भी थी। गत बुधवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई बातचीत में दोनों के बीच एफटीए को लेकर सहमति बन गई। इसका फायदा यह होगा कि दोनों देशों के अन्य मंत्री या अधिकारी इस वार्ता में कोई अडंगा नहीं लगा सकेंगे।
अपने प्रोफेशनल्स के लिए वीजा का उदार नियम चाहता है भारत
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, एफटीए के तहत भारत सिर्फ अपने प्रोफेशनल्स के लिए उदार वीजा नियम चाहता है, ताकि कारोबार में सुगमता हो। सूत्रों के मुताबिक भारत ने ब्रिटेन को यह भी संदेश दे दिया है कि वर्ष 2047 तक भारत 3.28 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन ब्रिटेन को लेकर ऐसी कोई संभावना नहीं है। एफटीए अगले 30-40 साल को ध्यान में रखकर किया जाता है। ऐसे में भारत-यूके एफटीए से ब्रिटेन को भविष्य में अधिक फायदा होगा।
शराब और ऑटोमोबाइल्स पर ब्रिटेन चाहता है ड्यूटी में कटौती
वाणिज्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एफटीए को लेकर कई राउंड की वार्ता पूरी हो चुकी है और बहुत सारे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रजामंदी भी बन चुकी है। अब बचे हुए अध्याय पर वार्ता की जाएगी। इसलिए एफटीए वार्ता शुरू होने के बाद अगले दो महीने में समाप्त हो सकती है। ब्रिटेन मुख्य रूप से शराब और ऑटोमोबाइल्स पर ड्यूटी में भारी कटौती चाहता है। ब्रिटेन से आयात होने वाली शराब पर 150 फीसद तक ड्यूटी लगती है।
एफटीए में क्या चाहते हैं एक-दूसरे से दोनों देश
- ब्रिटेन ट्रांसपोर्ट उपकरण, इलेक्टि्रकल उपकरण, मेडिकल उपकरण, केमिकल्स, मोटरवाहन, शराब, स्कॉच तो कुछ फलों पर भारतीय बाजार में ड्यूटी कटौती के साथ प्रवेश करना चाहता है
- भारत ब्रिटेन में टेक्सटाइल, फूड व बेवरेज, फार्मा, तंबाकू, लेदर व फुटवियर, कृषि पदार्थों के लिए बिना ड्यूटी प्रवेश कराना चाहता है। दोनों देशों के बीच सेवा सेक्टर में कई मुद्दों पर रजामंदी भी बन चुकी है जिसके तहत एक-दूसरे देश के प्रोफेशनल्स काम कर सकेंगे।
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- वित्त वर्ष 2021-22 में यूके ने भारत को 8.8 स्टर्लिंग पौंड का निर्यात किया जबकि भारत ने इस अवधि में 16.9 अरब स्टर्लिंग पौंड का निर्यात यूके को किया
- यूके के कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 1.9 फीसद है और भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा पार्टनर है
- यूके से होने वाले आयात पर भारत में औसतन 14.6 फीसद ड्यूटी है, जबकि यूके होने वाले भारतीय निर्यात पर यूके में औसतन 4.2 फीसद की ड्यूटी है।
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