शांति की तरफ उत्तर और दक्षिण कोरिया का एक बड़ा कदम, लेकिन रोड़ा बन सकता है यूएस
किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अपने भाई का पत्र राष्ट्रपति मून को सौंपा। पत्र में निकट भविष्य में प्योंगयांग आकर वार्ता आगे बढ़ाने का आमंत्रण था।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। विंटर ओलंपिक में सभी देशों की निगाहें कोरियाई प्रायद्वीप के दो देशों पर लगी हुई हैं। ये दो देश उत्तर और दक्षिण कोरिया हैं। विंटर ओलंपिक की शुरुआत होने से पहले ही इसको लेकर किम जोंग उन ने भी काफी सकारात्मक रुख अपनाया है। उनका यह रुख अपने देश की टीम ओलंपिक में भेजने से लेकर अपनी बहन को खास प्रतिनिधि बनाकर भेजने तक में साफ दिखाई दिया है। वहीं दक्षिण कोरिया ने भी इसको ऐसे ही लिया और किम की बहन के लिए छूट प्रदान करते हुए उनके विमान को यहां उतरने की अनुमति दी। इतना ही नहीं उन्हें स्पेशल गेस्ट की तरह से ट्रीट भी किया। इसके अलावा इस ओलंपिक से अलग दोनों देशों के नेताओं ने शांति के लिए आपसी मुलाकात भी की।
मून ने स्वीकार किया किम का निमंत्रण
इसके बाद भी एक सवाल सभी के मन में था कि जिस तरह से किम की बहन एक खुशनुमा माहौल में दक्षिण कोरिया आई हैं क्या उसी तरह के माहौल में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे को भी प्योंगयोंग आने का निमंत्रण दिया जाएगा। और यदि दिया जाएगा तो क्या वह इसको मानेंगे। इस सवाल का जवाब शनिवार को उस वक्त मिल गया जब किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अपने भाई का पत्र राष्ट्रपति मून को सौंपा। पत्र में निकट भविष्य में प्योंगयांग आकर वार्ता आगे बढ़ाने का आमंत्रण था। मून ने आमंत्रण को स्वीकार करते हुए उचित समय और उचित माहौल में यात्रा करने की बात कही थी।फिर भी खड़ा है एक सवाल
मून और किम के बीच चार बार मुलाकात
आपको यहां पर बता दें कि विंटर ओलंपिक की शुरुआत से लेकर अब तक मून और किम की बहन के बीच चार बार मुलाकात हो चुकी है। इस दौरान दोनों देशों के बड़े नेता भी मौजूद रहे हैं। ओलंपिक की शुरुआत से पहले भी मून मुलाकात को लेकर काफी उत्सुक थे। उनका कहना था कि वह किम की बहन के साथ मुलाकात को लेकर काफी उतसाहित हैं। मून ने यहां तक कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच में अच्छा कर गुजरने के लिहाज से काफी अहम है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि कुछ बेहतर जरूर होगा। मून ने इसके बाद किम की बहन के साथ आरकेस्ट्रा भी देखा। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान हुईं सभी मुलाकात काफी बेहतर माहौल में हुई हैं। यह विंटर ओलंपिक इस लिहाज से भी बेहद खास है क्योंकि दोनों देशों की टीम एक ही झंडे के नीचे दिखाई दी थीं।नहीं बदलेगा दक्षिण कोरिया का रुख
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि विंटर ओलंपिक के बहाने उत्तर और दक्षिण कोरिया में बातचीत का सिलसिला शुरू होने के बावजूद अमेरिका और दक्षिण कोरिया का रुख उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ ही रहेगा। विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया का विंटर ओलंपिक में हिस्सा लेना अपने खिलाफ लगे अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रतिबंधों में ढील पाने की एक कूटनीतिक चाल हो सकती है। साथ ही उत्तर कोरिया ओलंपिक कूटनीति के जरिये सियोल और वाशिंगटन के बीच रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश भी कर रहा है।परमाणु हथियार खत्म करे बिना नहीं होगी वार्ता
पेंस की सोशल मीडिया पर होती रही आलोचना
आपको बता दें कि विंटर ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान माइक पेंस के ठीक पीछे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग बैठी थीं। लेकिन इस दौरान दोनों के बीच शिष्टाचार मुलाकात तक नहीं हुईं। इतना ही नहीं उत्तर कोरिया के खिलाडि़यों के मार्चपास्ट के दौरान जब सभी नेताओं ने उनका सीट से खड़े होकर ताली बजाकर स्वागत किया उस वक्त पेंस और उनकी पत्नी अपनी ही सीट पर बैठे रहे और उनहें नजरअंदाज करते रहे। सोशल मीडिया पर उनकी इसके लिए काफी आलोचना भी हुई। दुनिया भर के कई अखबारों में उनका यह कृत्य सुर्खियां बना रहा।उत्तर कोरिया से बढ़ती समस्या
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया पिछले वर्ष के अंतिम महीनों में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने और लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे। अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कई युद्धाभ्यास किए थे तो उत्तर कोरिया भी हाई अलर्ट पर आ गया था। लेकिन जनवरी से उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुए वार्ता के सिलसिले ने काफी हद तक तनाव को कम किया है।सियोल में दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री ली नाक योन से हाथ मिलातीं उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग।मालदीव के इन फैसलों ने किया भारत को दूर और चीन को रखा पास, यही बनी चिंता की वजह
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