अब दक्षिण कोरिया में होने वाले 'विंटर गेम्स' पर लगी है 'किम' की निगाह, जानें क्यों
दक्षिण कोरिया में हो रहे विंटर गेम्स का फायदा किम अपनी तरह से उठाना चाहते हैं। इसको लेकर उनके पास बड़ा प्लान है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। बीता पूरा वर्ष उत्तर कोरिया को लेकर छाए संकट में बीत गया। सभी ने इस दौरान अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच जमकर बयानबाजी भी सुनी और देखी। लेकिन अब नए साल में कुछ शुभ संकेत दिखाई दे रहा है। यह शुभ संकेत दक्षिण और उत्तरी कोरिया में शुरू होने वाली हाईलेवल मीटिंग को लेकर है। वर्षों बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह वार्ता होने वाली है। यह वार्ता दक्षिण कोरिया में शुरू हो रहे विंटर ओलंपिक को लेकर होनी है, जिसमें उत्तर कोरिया भी अपने प्रतियोगी भेजने वाला है। जानकार भी मानते हैं कि विंटर गेम्स न सिर्फ दक्षिण कोरिया बल्कि उत्तर कोरिया के लिए भी दोनों देशों के बीच बर्फ पिघलाने का एक बड़ा अवसर है। इसका फायदा दोनों देश उठाना चाहते हैं।
अलग ट्रीटमेंट की मांग कर सकता है उत्तर कोरिया
यह बात इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि पिछले दो दिनों में उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से परमाणु हमले को लेकर तीखी बयानबाजी की गई है। ऐसे में दक्षिण कोरिया से बातचीत को एक अच्छा संकेत माना जा सकता है। हालांकि इसको लेकिन अभी तक दक्षिण कोरिया कुछ आशंकित दिखाई दे रहा है। इसकी वजह ये है कि दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री ली-नाक-योन का मानना है कि इस बातचीत में उत्तर कोरिया खुद के एक अलग ट्रीटमेंट देने की बात कर सकता है। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है कि यह स्पेशल ट्रीटमेंट किस तरह का होगा। उनका यह भी मानना है कि इस दौरान वह अपने को न्यूक्लियर पावर के तौर पर दर्जा दिलवाले की शुरुआत कर सकता है।
इसको लेकर सबसे अधिक संभावना
ली की तरफ से यह बात न्यू ईयर सेरेमनी की शुरुआत के दौरान कही गई है। फिलहाल इस वार्ता में क्या होगा इसको लेकर इमेजिन ही किया जा सकता है। लेकिन इसकी अधिक संभावना है कि वार्ता में वह खुद को न्यूक्लियर पावर के तौर पर स्थापित करना चाहेगा। उनके मुताबिक किम अपने देश को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के तौर स्थापित करना चाहते हैं। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया अब तक करीब छह न्यूक्लियर टेस्ट कर चुका है।
मौके का फायदा उठाना चाहेंगे दोनों देश
इस बाबत दैनिक जागरण से बात करते हुए ऑब्जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत कहना है कि किम का इस वक्त मकसद उत्तर कोरिया को एक परमाणु ताकत के रूप में स्थापित करने का है, जिसकी शुरुआत वह दक्षिण कोरिया से कर सकता है। इसके लिए बातचीत शुरू करने के लिए विंटर गेम्स एक बेहतर जरिया भी है। उनके मुताबिक दोनों ही देश इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। हालांकि वह ये भी मानते हैं कि यदि इस मुहिम में किम सफल हुए तो भी दक्षिण कोरिया के लिए मुसीबतें कम नहीं होंगी। इसकी वजह है कि उस वक्त जापान, चीन, दक्षिण कोरिया के खिलाफ खड़े हो जाएंगे और जो अमेरिका फिलहाल उसके साथ खड़ा है वह भी उससे नाराज हो जाएगा।
बर्फ पिघलने की उम्मीद
प्रोफेसर पंत के मुताबिक दक्षिण कोरिया शुरू से ही वार्ता की बात कहता रहा है। इस बार उसको एक जरिया मिल गया है। वहीं दूसरी तरफ जबकि किम ने विंटर गेम्स में अपनी टीम भेजने की बात की है तो माहौल में कुछ समय के लिए शांति स्थापित होने और तनाव कम होने की उम्मीद की जा सकती है। वह यह भी मानते हैं कि मुमकिन है कि ऐसा करके किम दक्षिण कोरिया की उस टीस को उभारना चाहते हैं जो अमेरिका से उन्हें मिली है। वह ये भी मानते हैं कि अपनी कारगुजारियों की वजह से उत्तर कोरिया विश्व में अलग-थलग पड़ चुका है। ऐसे में विंटर गेम्स में अपनी टीम भेजकर वह फिर से मेनथीम में शामिल होने की कोशिश कर रहा है।
विंटर गेम्स में टीम भेजने का ऐलान
आपको बता दें कि किम जोंग उन ने नव वर्ष दिए संदेश में इस बात का ऐलान किया था कि वह विंटर गेम्स अपने प्रतियोगी भेजेंगे। लेकिन इसी दौरान उन्होंने अमेरिका को यह कहते हुए भी चेताया है कि पूरा अमेरिका उसके परमाणु हथियारों की जद में है और इसका बटन भी उनकी टेबल पर है। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके परमाणु हथियार किम के हथियारों से ज्यादा बड़े हैं।
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