जयशंकर ने ब्लिंकन के सामने उठाया यह मुद्दा- पाकिस्तानी छात्रों को एक दिन में, तो भारतीय छात्रों को 14 महीने में मिल रहा अमेरिकी वीजा
श्रीलंका के छात्रों को कोलंबो स्थित अमेरिकी दूतावास में महज चार दिनों में वीजा साक्षात्कार के लिए समय मिल जाएगा। चीन की राजधानी बीजिंग में तो यह समय दो दिन है। लेकिन भारतीय छात्रों को वीजा साक्षात्कार में बैठने के लिए 430 दिनों का इंतजार करना पड़ सकता है।
By JagranEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 29 Sep 2022 04:42 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर आज एक पाकिस्तानी छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास में वीजा लेने के लिए आवेदन करता है तो उसे एक दिन में साक्षात्कार के लिए समय मिल सकता है। पड़ोसी देश श्रीलंका के छात्रों को कोलंबो स्थित अमेरिकी दूतावास में महज चार दिनों में वीजा साक्षात्कार के लिए समय मिल जाएगा। चीन की राजधानी बीजिंग में तो यह समय दो दिन है। लेकिन भारतीय छात्रों को वीजा साक्षात्कार में बैठने के लिए 430 दिनों का इंतजार करना पड़ सकता है।यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय का डाटा बता रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका विदेश मंत्री के समक्ष उठाया यह मुद्दा
भारतीय छात्रों, उद्योगपतियों, पेशेवरों को नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के कार्यालयों से वीजा लेने की समस्या पिछले दो वर्षों से चल रही है। अमेरिकी दूतावास का कहना है कि वर्ष 2022 के दौरान उन्होंने अभी तक 82 हजार भारतीय छात्रों को अमेरिका में शिक्षा हासिल करने के लिए वीजा दिया है जो इस वर्ष किसी भी दूसरे देश के छात्रों को दिए गए वीजा से ज्यादा है। लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी हजारों छात्र वीजा साक्षात्कार की तिथि मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिका में सामान्य वीजा लेने के लिए आवेदन करने पर 833 दिनों का इंतजार साक्षात्कार के लिए करना पड़ सकता है।
भारतीयों को वीजा देने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है अमेरिकी प्रशासन
भारतीय नागरिकों के साथ आ रही इस समस्या को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष उठाया था। ब्लिंकन ने आश्वासन दिया है कि अमेरिकी प्रशासन भारतीयों को वीजा देने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। इस बारे में नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड काल के दौरान लाकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और स्टाफ की कमी से जो समस्या पैदा हुई थी, वह धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।