भारतीयों के खिलाफ हिंसा रोकने में असफल कनाडा से भारत नाराज, कहा- बार-बार कहने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई
कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों पर लगातार हमलों की घटनाएंं हो रही हैं। भारत सरकार ने इन हमलों और भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने में नाकामी पर अपनी सख्त नाराजगी कनाडा के समक्ष जताई है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 11:19 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों पर लगातार हो रहे हमलों और भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने में नाकामी पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को विस्तृत एडवाइजरी जारी करते हुए भारतीय नागरिकों और छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी। एडवायजरी में कहा गया है कि भारतीयों के खिलाफ नफरती अपराध, नस्लीय हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी के बारे में कनाडा के अधिकारियों को लगातार बताए जाने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कनाडा के कुछ इलाकों में खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक
बता दें कि कनाडा के कुछ इलाकों में खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीयों को निशाना बनाकर हिंसक प्रदर्शन करने की घटनाएं सामने आई हैं। विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले ही कनाडा में भारत विरोधी हिंसा को लेकर गहरा क्षोभ जताया था।
भारत विरोधी हिंसा पर लगाम नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि कनाडा में राजनीतिक वजहों से भारत विरोधी हिंसा पर लगाम नहीं लग पा रहा है। उन्होंने तथाकथित खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह कराने की चल रही कार्रवाई को भी बहुत ही आपत्तिजनक और कट्टरवादी व अतिवादी तत्वों की तरफ से किया जाने वाला कदम करार दिया था।कनाडा सरकार ने साधी चुप्पी
भारत ने कई बार कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता जताई है लेकिन राजनीतिक वजहों से कनाडा सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पाती है। विदेश मंत्रालय ने हाल के दिनों में तीन बार अपनी चिंताएं आधिकारिक तौर पर प्रेषित की हैं लेकिन कनाडा सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।भारतीयों से उच्चायोग में पंजीयन कराने की सलाह
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि भारतीय उच्चायोग व महावाणिज्य दूतावास ने कनाडा के अधिकारियों को आग्रह किया है कि ¨हसक गतिविधियों व अपराधों की जांच करवाई जाए और दोषियों को कानूनी सजा दी जाए लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। इन वजहों से कनाडा में रहने वाले भारतीय व भारतीय छात्रों और वहां जाने वाले भारतीय छात्रों को सर्तक रहने को कहा गया है।