COVID19 पर SAARC की चर्चा में हिस्सा न लेकर पाक पीएम इमरान ने कर दी बड़ी भूल
कोरोना वायरस पर सार्क देशों के प्रमुखों की चर्चा में शामिल न होकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बड़ी भूल की है। इससे उनका असली चेहरा भी उजागर हो गया है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:54 AM (IST)
नई दिल्ली। दुनिया के 145 से अधिक देशों में फैल चुका कोरोना वायरस अब तक 5735 लोगों की जान ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पूरी दुनिया में अब तक इसके 153517 मामले सामने आए हैं। अकेले चीन में इसके मरीजों की संख्या 81 048 हो चुकी है। चीन में इसकी वजह से अब तक 3204 लोगों की मौत हुई है।वहीं सार्क देशों में इस वायरस के प्रकोप की बात करें तो यहां पर कुल 203 मामले अब तक सामने आए हैं। इनमें भारत में 107, पाकिस्तान में 52, अफगानिस्तान में 16, मालदीव में 13, बांग्लादेश में 3, नेपाल, भूटान और श्री लंका में 1-1 म मामला सामने आया है। लेकिन क्योंकि यहां पर दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है इसलिए यदि यहां पर इसका प्रकोप फैला तो यह कई लोगों की जान ले सकता है।
यही सोचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क के सभी देशों को एकजुट होकर इससे लड़ने के लिए और इसके रोकथाम के प्रयासों को साझा करने के लिए सभी सदस्य देशों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर चर्चा की थी। इसमें पाकिस्तान को छोड़कर सभी देशों के प्रधानमंत्री शामिल हुए। लेकिन इसमें इमरान खान शामिल नहीं हुए बल्कि उनकी जगह पीएम के विशेष सहायक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा ने शिरकत की।
ऐसा करके पाकिस्तान ने अपनी की कलई खोल दी। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार इस बात को कहते रहे हैं कि वे भारत से वार्ता करना चाहते हैं, लेकिन जब उन्हें एक ऐसा मंच मिला जिसमें खुद पीएम मोदी ने पहल की तो वो पीठ दिखाकर वहां से भाग खड़े हुए। दरअसल, इमरान खान ने ये फैसला कर बेहद बड़ी गलती कर दी है। इसकी वजह ये भी है कि ये एक ऐसा मंच उन्हें मिला था जहां से वो रिश्तों की नई शुरुआत कर सकते थे। यदि ऐसा होता तो ये पहली बार होता कि जब पीएम मोदी और इमरान खान दोनों ही आमने सामने होते और कोरोना वायरस पर ही सही लेकिन पाकिस्तान की तरफ से एक सकारात्मक संदेश जाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिस वक्त सार्क देशों के प्रमुखों की वीडियो कांफ्रेंसिंग पर कोरोना वायरस को लेकर चर्चा चल रही थी उस वक्त इमरान खान देश में ही मौजूद थे। इसके बाद भी उन्होंने इसमें हिस्सा लेना मुनासिब नहीं समझा। इसके उलट उनकी तरफ से इसमें शामिल जफर मिर्जा ने इस दौरान कश्मीर राग अलापकर फिर अपनी ही हंसी उड़वाने का काम किया। आपको बता दें कि पाकिस्तान के इसी रवैये की वजह से कई वर्षों से सार्क सम्मेलन नहीं हो सका है। इस बार इस चर्चा में शामिल न होकर पाकिस्तान ने इसके दरवाजे बंद ही रखने की एक कोशिश और की है।
इस चर्चा में शामिल न होकर कहीं न कहीं अंजाने में उन्होंने सभी सदस्य देशों को ये संदेश भी दे दिया कि वे भारत के साथ वार्ता की जो बात लगभग हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर करते आए हैं उसमें कोई सच्चाई नहीं है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ऐसी बैठकों में जहां पर राष्ट्र प्रमुख हिस्सा ले रहे हों वहां पर उनकी जगह किसी मंत्री या विशेष सहायक की मौजूदगी उस बैठक के प्रोटोकॉल के भी खिलाफ होता है। इस चर्चा में जहां पीएम मोदी ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एक फंड बनाने और उसमें सबसे पहले अपना अंशदान करने की घोषणा की वहीं पाकिस्तान की तरफ से मौजूद जफर मिर्जा के पास इस आपदा से लड़ने का कोई रोड़मैप भी नहीं था। बहरहाल, इस चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि सार्क देशों में भारत के डॉक्टर कहीं भी और कभी भी जाने को तैयार हैं। भारत इस संबंध में अपनी हर जानकारी को सभी सदस्य देशों के साथ साझा करेगा। भारत की इस पहल का सभी सदस्य देशों ने स्वागत किया है।
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