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पीएम मोदी ने ऋषि सुनक से की फोन पर बात, दोनों नेता समग्र और संतुलित एफटीए को जल्द पूरा करने पर सहमत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बात की और दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के महत्व पर सहमति जताई। सुनक के कार्यभार संभालने के बाद से यह उनकी पहली बातचीत थी।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Fri, 28 Oct 2022 12:30 AM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बात की।
 नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से फोन पर बातचीत की और दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने के महत्व पर सहमति जताई। भारतीय मूल के सुनक के मंगलवार को ब्रिटिश प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह उनकी पहली बातचीत थी।

ऋषि सुनक ने भी पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया और कहा कि वह इस बात से उत्साहित हैं कि दो 'महान लोकतंत्र' क्या हासिल कर सकते हैं क्योंकि वे आने वाले महीनों और वर्षों में अपनी सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को गहरा कर सकते हैं।

एफटीए के जल्द निष्कर्ष के महत्व पर हुए स‍हमत

मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि सुनक को उन्होंने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि दोनों देश रणनीतिक रूप से आपसी सहभागिता को और मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। ट्वीट के जरिए मोदी ने बताया कि हम एक संतुलित और समग्र एफटीए के लिए भी राजी हो गए हैं।

सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं

सुनक ने जवाब दिया, 'जैसे ही मैं अपनी नई भूमिका शुरू कर रहा हूं, आपके शब्दों के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। यूके और भारत में बहुत कुछ है। मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि हमारे दो महान लोकतंत्र आने वाले महीनों और वर्षों में अपनी सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने से क्या हासिल कर सकते हैं।'

आम सहमति की कमी के कारण नहीं लागू हो सका एफटीए

भारत और ब्रिटेन ने जनवरी में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत शुरू की, जिसका उद्देश्य दिवाली तक वार्ता समाप्त करना था, लेकिन मुद्दों पर आम सहमति की कमी के कारण समय सीमा बढ़ गई। वित्‍त मंत्री के रूप में अपनी पिछली भूमिका में सुनक ने एफटीए के लिए समर्थन व्यक्त किया था क्योंकि उन्होंने फिनटेक और बीमा क्षेत्रों में दोनों देशों के लिए भारी अवसर देखे थे।

जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एफटीए में हुई देरी

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल तक दोनों देशों के बीच इस साल अक्टूबर आखिर तक एफटीए होने पर बिल्कुल रजामंदी थी और एफटीए से पहले होने वाली वार्ता लगभग पूरी हो चुकी थी। लेकिन जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एफटीए में देर होने की आशंका गहराने लगी क्योंकि ब्रिटेन सेवा क्षेत्र को भारत की उम्मीद के अनुरूप खोलने के लिए तैयार नहीं दिख रहा था। ब्रिटेन के आर्थिक संकट में फंसने और राजनैतिक अस्थिरता से भी एफटीए अक्टूबर में नहीं हो सका। सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिर से एफटीए को लेकर आशा जगी है।

कई क्षेत्रों में ब्रिटेन के लिए अपने दरवाजे भी खोल रहा है भारत

सूत्रों के मुताबिक एफटीए ब्रिटेन की भी जरूरत है क्योंकि सप्लाई चेन के लिए ब्रिटेन चीन के विकल्प के रूप में भारत को देख रहा है। भारत इस एफटीए को अंजाम देने के लिए कई क्षेत्रों में ब्रिटेन के लिए अपने दरवाजे भी खोल रहा है। एफटीए वार्ता के दौरान दोनों देश एक-दूसरे के प्रोफेशनल्स को लेकर अपने दरवाजे खोलने के लिए राजी भी हो गए थे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत मुख्य रूप से रोजगारपरक क्षेत्र जैसे कि लेदर, अपैरल, जेम्स व ज्वैलरी पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करवाना चाहता है, ताकि ब्रिटेन में इन वस्तुओं की बिक्री बढ़ सके और भारत को उसका लाभ मिल सके। ब्रिटेन के साथ एफटीए होने से ब्रांड भारत को मजबूती मिलेगी क्योंकि ब्रिटेन विकसित देश हैं। भारत यूएई और आस्ट्रेलिया के साथ पहले ही एफटीए कर चुका है।

ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री

ऋषि सुनक एक निवेश बैंकर से राजनेता बने हैं और 42 साल की उम्र में 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधान मंत्री हैं। वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं।

भारत की यात्रा पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली शुक्रवार को भारत पहुंच रहे हैं। शनिवार को उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी जिसमें दोनो देशों के बीच वर्ष 2030 तक के रोडमैप पर खास तौर पर बातचीत होगी। यात्रा के पहले दिन वह मुंबई जाएंगे जहां वह वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करेंगे। 29 अक्टूबर को नई दिल्ली उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसमें अगले एक दशक के दौरान दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर बातचीत होगी।