ओमरी के हाथों दुनिया के कई बड़े नेता बने 'गरीब', खाने की लाइन में लगे
सिविल वार की वजह से अब्दाला अल ओमरी को भी अपने देश को छोड़ना पड़ा। ओमरी पेशे से आर्टिस्ट हैं। लेकिन उनकी पेंटिंग्स में सीरिया की त्रासदी को साफतौर पर देखा जा सकता है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। सीरिया को लेकर पूरा विश्व समुदाय चिंता में है। हर रोज यहां पर हमलों में सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं और सियासत करने वाले इन पर भी राजनीति करने में लगे हैं। हर कोई एक दूसरे पर आरोप मढ़ता दिखाई दे रहा है। सीरिया में छिड़े सिविल वार की वजह से अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग अपने देश को छोड़कर बेघर की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इनमें से कुछ सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी बात सामने लाते हैं तो कुछ इसका कोई और जरिया निकाल कर इस सिविल वार को बंद करने की गुजारिश करते दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इसके लिए बिल्कुल अलग तरीका चुना है। इनमें से एक अब्दाला अल ओमरी भी हैं।
सिविल वार के चलते छूटा देश
सिविल वार की वजह से अब्दाला अल ओमरी को भी अपने देश को छोड़ना पड़ा। ओमरी पेशे से आर्टिस्ट हैं। उनकी पेंटिंग्स में सीरिया की त्रासदी को साफतौर पर देखा जा सकता है। सीरिया और पूरी दुनिया में जो कुछ हो रहा है उसको लेकर बनाई कुछ पेंटिंग्स में उन्होंने दुनिया के कई बड़े नेताओं को शुमार किया है। उन्होंने अपनी पेंटिंग में दिखाया है कि यदि दुनियाभर के बड़े नेताओं से उनकी सत्ता और उनकी धन-दौलत को छीन लिया जाए तो वह किस तरह से गरीबी का शिकार हो सकते हैं।
सीरिया की त्रासदी
इसके पीछे उनका मकसद सीरिया की उस त्रासदी को दिखाना है जिसके चलते लोग भूख की वजह से मर जाते हैं। न सिर्फ सीरिया बल्कि दुनिया के कई दूसरे देशों में खाने के लिए इन लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में घंटों खड़े रहना पड़ता है। ओमरी की पेंटिंग इन तमाम चीजों पर कटाक्ष भी है और व्यंग्य भी है। ओमरी पेंटर के साथ-साथ फिल्म मेकर भी हैं। वह सीरिया के दर्द को करीब से महसूस करते हैं।
खाने की लाइन में लगे कई बड़े नेता
अपनी पेंटिंग में उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रिफ्यूजी बनाकर उन्हें खाने की लाइन में लगते दिखाया है। इसके अलावा उन्होंने एक पेंटिंग में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को गीले कपड़ों में दिखाया है और उन्होंने अपने सिर पर कागज की नाव रखी हुई है। उनकी यह पेंटिंग उन लोगों की कहानी को बयां करती है जो सीरिया में छिड़े सिविल वार के चलते देश छोड़ने को मजबूर हुए लेकिन गहरे समुद्र में उनकी नाव डूब गई। इन लोगों में से कई मारे गए तो कुछ ही दूसरे देश की जमीन पर पांव रख सके। एक पेंटिंग में उन्होंंने दुनिया के बड़े नेताओं को आम लोगों के बीच नाव पर बैठे हुए दिखाया है। इसको उन्हों ने ‘द बोट’ का नाम दिया है।
ट्रंप की त्रासदी
एक दूसरी पेंटिंग में उन्होंने किम जोंग उन को एक मिसाइल के साथ दिखाया है। वहीं एक दूसरी पेंटिंग में एंजेला मर्केल को भी इसी तरह से दिखाया गया है। अपनी एक पेंटिंग में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिखाया है जो एक बच्ची को गोद में उठाए हुए हैं। उनके एक हाथ में फैमिली फोटोग्राफ है जो वह लोगों को दिखा रहे हैं। उनके कंधे पर भी कुछ सामान रखा हुआ है। ओमरी की पेंटिंग में सभी नेता किसी न किसी त्रासदी के शिकार हैं। अपनी एक पेंटिंग में उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति को भी ओबामा, किम, पुतिन, मर्केल के साथ खाने की लाइन में बच्चों के पीछे लगता हुआ दिखाया है। एक पेंटिंग में ओमरी ने पुतिन को हाथों में ‘हैल्प मी’ की तख्ती लेते हुए भी दिखाया है।
दुबई में प्रदर्शित की गई पेंटिंग्स
उन्होंने अपनी इन पेंटिंग्स को एक प्रदर्शनी के दौरान पिछले साल दुबई में पेश किया था। इन तमाम पेंटिंग्स की सीरीज को उन्होंने The Vulnerability Series का नाम दिया है। अपनी ऑफिशियल वेब साइट पर उन्होंने लिखा है कि वह जो समझ पाए उन्होंने उसको कैनवास पर उतार दिया। आपको बता दें कि ओमरी ने वर्ष 2011 में सीरिया को छोड़कर बेल्जियम में शरण ली थी। ओमरी ने जो कुछ शरणार्थी कैंपों में देखा उसको समझते हुए ही उन्होंने इस पूरी सीरीज को कैनवास पर उतारा है।
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