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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस बोले- आतंकवाद से लड़ाई के लिए होनी चाहिए वैश्विक प्राथमिकता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस का कहना है कि आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव मुंबई के होटल ताज में 26/11 के आतंकी हमले में बलिदान हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Wed, 19 Oct 2022 10:30 PM (IST)
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि कोई भी आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकता है।
मुंबई, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बुधवार को साफ कहा कि कोई भी कारण या कोई भी घटना किसी भी तरह के आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकती है। आतंकवाद एक बुराई है और आज की दुनिया में उसके लिए कोई स्थान नहीं है। आतंकवाद से लड़ाई वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव मुंबई के होटल ताज में 26/11 के आतंकी हमले में बलिदान हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। मुंबई हमले को आतंकवाद के सबसे बर्बर कृत्यों में से एक बताया।

जान गंवाने वालों के प्रति व्यक्त की संवेदना

हमले के शिकार 166 पीडि़तों को आज का हीरो करार दिया। साथ ही उनके स्वजन, मित्रों और भारत के लोगों के साथ ही साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में अपनी जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोगों को एक साथ रहने के लिए संस्कृतियों की विविधता और समृद्धि को पहचानने की जरूरत है।

2008 में हुआ था आतंकी हमला

वर्ष 2008 में मुंबई में 26 नवंबर को आतंकियों ने कई जगहों पर एक साथ हमला किया था। इनमें एक स्थान होटल ताज महल पैलेस भी था। होटल में कई लोग बलिदान हुए थे। उनकी याद में होटल में स्मारक बनाया गया है। गुटेरस के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी थे।

संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद रोधी कार्यालय बनाया

गुटेरस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के बाद उन्होंने सबसे जो कुछ काम किए उनमें से एक आतंकवाद रोधी कार्यालय का गठन भी शामिल था। इसका उद्देश्य आतंकवाद से लड़ने के लिए देशों को तैयार करना, सहयोग देना और उनका मार्गदर्शन करना है। यह कार्यालय हिंसक उग्रवाद की जड़ों के खिलाफ लड़ रहा है, चाहे वह धर्म, जातीयता या विश्वास किसी भी कारण से हो।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा 'बड़ा कैंसर'

आइआइटी मुंबई में एक कार्यक्रम में गुटेरस ने महिलाओं के खिलाफ ¨हसा को बड़ा कैंसर बताया। उन्होंन हर देश में इससे निपटने के लिए एक आपात योजना की जरूरत बताई। गुटेरस ने कहा कि महिला कार्यकर्ताओं और नेताओं को इंटरनेट मीडिया पर निशाना बनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र अपने स्वयं के संगठन के भीतर लैंगिक समानता हासिल करने के लिए काम कर रहा है।

लैंगिक समानता के लिए बहुत कुछ करना जरूरी

गुटेरस ने कहा कि भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में लैंगिक समानता के लिए अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। कोई भी समाज तब तक अपने पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकता है जब तक कि वहां महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और बच्चों के लिए समान अधिकार और स्वतंत्रता न हो। उन्होंने कहा कि वह यह जरूर स्वीकार करना चाहेंगे कि एक काम वह जो करना चाहते थे और नहीं कर पाए, वह यह कि संयुक्त राष्ट्र की महासचिव एक महिला होनी चाहिए।

मानवाधिकारों के सम्मान से मजबूत होगी भारत की आवाज

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि घर में समावेशिता और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए मजबूत प्रतिबद्धता से भारत की आवाज वैश्विक मंच पर विश्वसनीयता हासिल कर सकती है। मानवाधिकार परिषद के निर्वाचित सदस्य के नाते भारत की जिम्मेदारी वैश्विक मानवाधिकारों को आकार देने के साथ ही अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों समेत सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने और बढ़ावा देने की भी है।

भारत की दूसरी यात्रा 

गुटेरस दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर हैं। पहले कार्यकाल में वह 2018 में भारत आए थे। मुंबई से वह गुजरात जाएंगे और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वहां एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।  

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