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1984 kanpur Sikh Riots की जांच कराएगी योगी सरकार, SIT गठित

1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर योगी सरकार ने जांच कराने का आदेश देते हुए SIT का गठन किया है।

By TaniskEdited By: Updated: Wed, 06 Feb 2019 08:58 AM (IST)
1984 kanpur Sikh Riots की जांच कराएगी योगी सरकार, SIT गठित
लखनऊ/नई दिल्ली, एएनआइ। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यूपी सरकार ने बुधवार को सिख दंगों की जांच कराने का आदेश देते हुए SIT का गठन किया है। बता दें कि साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग करने वाली एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था।

जानकारी के अनुसार एसआईटी की अगुवाई पूर्व डीजी अतुल करेंगे। उनके अलावा इसमें रिटायर्ड जज सुभाषचंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड एडिशनल डायेक्टर अभियोजन योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव, एक एसएसपी और एसपी को भी शामिल किया गया है। एसआईटी से 6 महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने पर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई और सिखों को निशाना बनाया गया। इस दौरान कानपुर, दिल्ली समेत देश के बड़े शहरों में सिख विरोधी दंगे हुए थे। दिल्ली के बाद सबसे भीषण दंगा कानपुर में ही हुआ था जहां 127 सिख मारे गए थे।

सज्जन कुमार को हुई थी उम्रकैद
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सिख दंगों को लेकर सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए 17 दिसंबर को सुनाए गए फैसले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मामले में सज्जन कुमार को दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 1-2 नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 में पांच सिखों के मारे जाने व गुरुद्वारा जलाए जाने के मामले में दोषी ठहराया गया था। इस ममाले में सज्जन के अलावा कुछ अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई थी, जिसमें एक दोषी यशपाल को फांसी और दूसरे दोषी नरेश सेहरावत को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।