Maharashtra Politics: विवादों में घिरे 3 विधायक महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल, राजनीतिक चर्चाएं तेज
एक और शिवसेना के बागी विधायक सत्तार उस समय विवाद के केंद्र में थे जब उनकी तीन बेटियों और एक बेटे के नाम उन 7880 उम्मीदवारों की सूची में शामिल हो गए। जिन्हें पात्रता परीक्षा 2019-20 शिक्षकों की कथित धांधली के सिलसिले में अयोग्य घोषित किया गया था।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 09 Aug 2022 04:29 PM (IST)
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में मंगलवार को एकनाथ शिंदे सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के दौरान शपथ लेने वाले 18 मंत्रियों में से तीन विवादों में घिर गए हैं। नवनियुक्त मंत्री संजय राठौड़, जिन्होंने पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में मंत्री के रूप में भी काम किया था। उन्होंने पिछले साल पुणे में एक महिला की मौत से जुड़े होने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इस साल जून में जब शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की तो राठौड़ उनके खेमे में शामिल हो गए। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ने राठौड़ को क्लीन चिट दे दी है, इसलिए उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।हालांकि, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि राठौड़ को कैबिनेट में शामिल किया गया। जब वह कथित तौर पर एक महिला की मौत के लिए जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया भी जाता है, तो भी मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।
शिवसेना के इस मंत्री पर है ये विवादएक और नवनियुक्त मंत्री और शिवसेना के बागी विधायक सत्तार उस समय विवाद के केंद्र में थे, जब उनकी तीन बेटियों और एक बेटे के नाम उन 7,880 उम्मीदवारों की सूची में शामिल हो गए। जिन्हें पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2019-20 शिक्षकों की कथित धांधली के सिलसिले में अयोग्य घोषित किया गया था और प्रतिबंधित कर दिया गया था। सत्तार पहले कांग्रेस में थे और 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना में शामिल हो गए थे। विद्रोह के बाद जून में वह शिंदे खेमे में भी शामिल हो गए।
टीईटी विवाद पर सत्तार ने सोमवार को आरोप लगाया कि यह एक राजनीतिक साजिश है और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार की पूर्व संध्या पर सूची के समय पर सवाल उठाया।भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का पाया गया था दोषीवहीं, एक और नवनियुक्त मंत्री और भाजपा नेता विजयकुमार गावित को पांच साल पहले 2004 और 2009 के बीच आदिवासी विकास विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का दोषी पाया गया था। गावित 2004-09 के दौरान राकांपा में थे और उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया था। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीते।