आज (27 नवंबर) भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। अब जरा उन एक्ट्रेस की राजनीतिक सफर पर एक नजर डालें, जिन्होंने पॉलिटिक्स में काफी पॉपुलैरिटी हासिल की।
जयललिता
300 से ज्यादा मूवी में काम करने वाली जयललिता छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। 24 फरवरी, 1948 में कर्नाटक के मेलुरकोट गांव में जन्मी जयललिता ने 15 साल की उम्र में कन्नड़ फिल्मों में काम करना शुरू किया। उनकी जोड़ी स्टार एम जी रामचंद्रन (एमजीआर) के साथ काफी हिट रही।एमजीआर से जयललिता काफी प्रभावित थी। एमजीआर के राजनीति में आने के बाद जयललिता भी साल 1982 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर गईं। साल 1984 में जयललिता राज्यसभा सांसद बन गईं। 24 जुलाई 1991 को जयललिता ने पहली बार मुख्यमंत्री का पदभार संभाला।
जयललिता कैसी बनी अम्मा
जयललिता ने तमिलनाडु की गरीब जनता के लिए अम्मा कैंटीन की शुरुआत की। इस कैंटीन में बेहद कम दाम में खाना खिलाया जाता था। तमिलनाडु की जनता स्नेह और आदर से उन्हें अम्मा के नाम से बुलाने लगी।
हेमा मालिनी
'ड्रीम गर्ल' के नाम से मशहूर हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के अयंगर ब्राह्मण परिवार में हुआ। साल 1968 में उन्हें एक्टर राज कपूर के साथ सपनों का सौदागर मूवी में काम करने का मौका मिला। इसके बाद साल 1970 में उन्होंने मेरा नाम जोकर, साल 1971 में अंदाज, लाल पत्थर, साल 1972 में सीता और गीता, साल 1975 में शोले जैसी सुपरहिट मूवी में काम करते हुए जबरदस्त शोहरत कमाई।
साल 1998 में उन्होंने राजनीति में एंट्री मार ली। उस साल गुरदासपुर लोकसभा सीट से मशहूर एक्टर विनोद खन्ना चुनावी मैदान में उतरे थे। जीत के लिए विनोद खन्ना ने हेमा मालिनी को प्रचार के लिए बुलाया। इसके बाद साल 2004 में हेमा मालिनी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गईं।2003 से लेकर 2009 तक वो राज्यसभा सांसद रहीं। इसके बाद साल 2014 में वो मथुरा लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं। साल 2019 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत हासिल की।
स्मृति ईरानी
स्मृति जुबिन ईरानी का जिंदगी एक मॉडल से टेलीविजन स्टार और फिर एक सफल राजनेता बनने की कहानी है। 23 मार्च 1976 को पंजाब में जन्मी स्मृति ईरानी टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का किरदार निभाकर आम जनता के बीच काफी मशहूर हो गईं।साल 2003 में स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। साल 2011 में वे गुजरात से राज्यसभा सांसद चुनी गई। साल 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को अमेठी लोकसभा सीट से शिकस्त दी। वो इस समय महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं।
जया बच्चन
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन (जया भादुरी) का जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर के बंगाली परिवार में हुआ। उन्होंने एफटीआईआई पुणे में एक्टिंग की शिक्षा हासिल की।15 साल की उम्र में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। सिलसिला, उपहार, कोरा कागज, गुड्डी, शोले जैसी शानदार फिल्मों में काम करने वाली जया बच्चन ने साल 2004 में राजनीति में एंट्री ली। उन्हें समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनाया। इसके बाद से वो लगातार चार बार समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं।
किरण खेर
भाजपा सांसद किरण खेर का जन्म 14 जून 1952 को चंडीगढ़ के सिख परिवार में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ से पढ़ाई पूरी की। वो बैडमिंटन की एक अच्छी खिलाड़ी रह चुकी हैं। वो दीपिका पादुकोण के पिता प्रकाश पादुकोण के साथ नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुकी हैं।हालांकि, धीरे-धीरे बैडमिंटन से ज्यादा उनकी रुचि एक्टिंग में बढ़ने लगी। बतौर कलाकार किरण खेर ने साल 1973 में पंजाब मूवि 'असर प्यार दा' से अपना डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग जगत में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देवदास, वीर-जारा जैसी फिल्मों में उन्होंने शानदार एक्टिंग की। किरण खेर ने एक्टर अनुपम खेर से शादी रचाई।
साल 2009 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन किया। इसके बाद 2014 में वो चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ी और विजयी रही। साल 2019 में वो दोबारा चंडीगढ़ से सांसद चुनी गईं।
जयाप्रदा
एक्ट्रेस से राज्यसभा सांसद बनीं जयाप्रदा का जन्म 3 अप्रैल 1962 को आंध्र प्रदेश में हुआ। उनका असली नाम ललिता रानी था। उन्होंने तेलुगू मूवी 'भूमि कोसम' से फिल्म करियर की शुरुआत की। साल 1980 और 1990 के दशक में जया प्रदा ने अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे सुपरस्टार के साथ कई शानदार फिल्में किए।
जयाप्रदा एनटी रामाराव से काफी प्रभावित थी। उनके कहने पर साल 1994 में उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी ज्वाइन की। छह साल के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली।
गुल पनाग
एक्टिंग, मॉडलिंग से लेकर पॉलिटिक्स तक, गुल पनाग ने इन सभी क्षेत्रों में काफी शोहरत बटोरी। 3 जनवरी 1979 को चंडीगढ़ में जन्मी गुल पनाग एक ट्रेंड पायलट रह चुकी हैं।
इसके अलावा वो फॉर्मूला ई रेस भी कर चुकी हैं। हालांकि, राजनीति में उन्हें शोहरत तो मिली, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। साल 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर उन्होंने चंडीगढ़ सीट से किरण खेर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा।
मुनमुन सेन
मुनमुन सेन का जन्म साल 1954 में कोलकाता के एक अमीर परिवार में हुआ। मुनमुन की मां सुचित्रा सेन बंगाली फिल्म इंड्रस्टी की एक शानदार कलाकार थीं। साल 1984 में मुनमुन ने फिल्म 'अंदर बाहर' से शुरुआत की। इसके बाद मुनमुन सेन को काफी शोहरत हासिल हुई।
साल 2014 में उन्होंने राजनीति में एंट्री लेते हुए तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन की और लोकसभा चुनाव लड़ा। चुनाव में उन्हें सफलता मिली। साल 2019 लोकसभा चुनाव में वो आसनसोल सीट से बाबुल सुप्रियो के खिलाफ चुनाव लड़ी, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
नुसरत जहां
तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां का जन्म 8 जनवरी 1990 को हुआ। साल 2010 में उन्होंने मॉडलिंग करियर में अपना कदम रखा।12 मार्च 2019 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बशीरहाट सीट से उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। नुसरत ने भाजपा उम्मीदवार सायंतन बसु को 350,000 वोटों से हरा दिया।
अक्षरा सिंह
भोजपुरी फिल्मों से प्रसिद्धि हासिल कर चुकी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने भी राजनीति में प्रवेश करने का फैसला कर लिया है। उन्होंने प्रशांत किशोर की अध्यक्षता वाली जन सुराज पार्टी को ज्वाइन करने का फैसला किया है।
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