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'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति से अधीर रंजन ने किया किनारा, अमित शाह को पत्र लिख केंद्र की मंशा पर उठाए सवाल

One Nation One Election committee कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति का सदस्य बनने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर समिति में शामिल होने से मना किया है। उन्होंने इसी के साथ केंद्र की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sat, 02 Sep 2023 11:06 PM (IST)
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One Nation One Election committee: अधीर रंजन का शाह को पत्र।

नई दिल्ली, एएनआई। One Nation One Election committee 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए गठित समिति से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किनारा कर लिया है। अधीर रंजन को केंद्र द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) का सदस्य नामित किया गया था। 

गृह मंत्री को पक्ष लिख मंशा पर उठाए सवाल

हालांकि, कांग्रेस नेता ने पैनल में शामिल होने से इनकार कर दिया है। अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर समिति में शामिल होने से मना किया है। उन्होंने इसी के साथ पैनल के गठन को लेकर केंद्र की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द हैं। 

गृह मंत्री अमित शाह इस हाई लेवल कमेटी (एचएलसी) के सदस्य भी हैं।

यह धोखा हैः अधीर रंजन

शाह को पत्र लिखने से पहले अधीर रंजन ने कहा,

मुझे अभी मीडिया के माध्यम से पता चला कि गजट अधिसूचना के माध्यम से मुझे लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने पर उच्च स्तरीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसमें शर्तें उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं। यह लोगों से एक धोखा है।

खरगे को एचएलसी से बाहर करना गलत

अधीर रंजन ने आगे कहा कि एक साथ चुनाव कराने के केंद्र का कदम संवैधानिक रूप से संदिग्ध, व्यावहारिक रूप से गैर-व्यवहार्य है। चौधरी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को एचएलसी से बाहर करने पर भी आपत्ति जताई।

ये लोग समिति में शामिल

केंद्र ने आज 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर सिफारिशें पाने के लिए आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि इसमें पूर्व राष्ट्रपति कोविंद अध्यक्ष होंगे और गृह मंत्री अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं।