सोनिया के राज्यसभा जाने के बाद उत्तर प्रदेश में नेहरू-गांधी परिवार की सियासी विरासत का दारोमदार अब चौथी पीढ़ी पर
सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा का नामांकन भरने के साथ ही उत्तर प्रदेश की सक्रिय चुनावी राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का सफर अब विराम के पड़ाव की ओर बढ़ गया है। भाजपा की सियासत में सक्रिय मेनका गांधी अगर अगला चुनाव लड़ेंगी तो परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व बना रहेगा अन्यथा गांधी परिवार की प्रासंगिकता बनाए रखने का पूरा दारोमदार चौथी पीढ़ी के नेताओं पर होगा।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के राजस्थान से राज्यसभा का नामांकन भरने के साथ ही उत्तर प्रदेश की सक्रिय चुनावी राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का सफर अब विराम के पड़ाव की ओर बढ़ गया है। भाजपा की सियासत में सक्रिय मेनका गांधी (Maneka Gandhi) अगर अगला चुनाव लड़ेंगी तो परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व बना रहेगा अन्यथा उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस व गांधी परिवार की प्रासंगिकता बनाए रखने का पूरा दारोमदार चौथी पीढ़ी के नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर होगा।
दो दशक से रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रहीं सोनिया गांधी के राज्यसभा (Rajya Sabha) में जाने के बाद अब 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी जगह उनकी पुत्री कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के इस सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं जताई जा रही है। गांधी परिवार के संसदीय सफर का एक दिलचस्प पहलु यह भी है कि सोनिया गांधी ने जहां अपनी राजनीतिक सक्रियता के अंतिम दौर में राज्यसभा जाने का विकल्प चुना है, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संसदीय कैरियर का आगाज राज्यसभा सदस्य तौर पर हुआ था।
ढाई दशक से UP की नुमाइंदगी कर रहीं सोनिया
कांग्रेस को संक्रमण के दौर से बाहर निकालने के लिए 1999 में अमेठी से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़कर सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के बाद से सोनिया गांधी बीते ढाई दशक से लगातार लोकसभा में उत्तर प्रदेश की नुमाइंदगी कर रही हैं। 2014 में शुरू हुए भाजपा के वर्चस्व के दौर में भी रायबरेली ही सूबे की एकमात्र सीट है जहां कांग्रेस का सूरज अभी डूबा नहीं है।यह भी पढ़ें: गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना बस्ता बांध लिया, सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा नामांकन पर BJP का तंज
रायबरेली से किस्मत आजमा सकती हैं प्रियंका
2004 में राहुल गांधी को अमेठी की विरासत सौंप राय बरेली को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाने वाली सोनिया गांधी पिछले 20 साल से यहां से सांसद हैं। इस लिहाज से राज्यसभा जाने का विकल्प चुनने का फैसला करना सोनिया गांधी के लिए भी इतना सहज नहीं रहा होगा और तभी प्रबल संभावनाएं जताई जा रही हैं कि प्रियंका अगले चुनाव में रायबरेली में उनकी राजनीति विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उतरेंगी। इसी तरह राहुल गांधी के भी पिछली हार को पीछे छोड़ अमेठी से चुनाव लड़ने की संभावनाएं भी कायम हैं। राहुल-प्रियंका से लेकर भाजपा की सियासत में सक्रिय वरुण गांधी नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी की नुमाइंदगी करते हैं।