Gyanvapi Case Verdict Reactions: ज्ञानवापी केस में आदलत के फैसले पर आया ओवैसी का रिएक्शन, कही यह बात
वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की सुनवाई पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि वह पूजा का अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 11:11 PM (IST)
हैदराबाद, एजेंसी। वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की सुनवाई पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि वह पूजा का अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी। एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत के इस फैसले पर कहा कि इस विवाद में दिए गए आदेश से 'अस्थिरकारी प्रभाव' पड़ेगा क्योंकि यह मामला बाबरी मस्जिद मुद्दे की तरह ही चल रहा है।
ओवैसी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हम बाबरी मस्जिद मुद्दे के रास्ते पर ही आगे बढ़ रहे हैं। जब बाबरी मस्जिद पर फैसला दिया गया था, तो मैंने आगाह किया था कि इससे देश में समस्याएं पैदा होंगी क्योंकि यह फैसला आस्था के आधार पर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जानी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत का रुख करेगी। मेरा मानना है कि इस आदेश से पूजा स्थल कानून 1991 की अहमियत खत्म हो जाएगी।
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain) ने कहा- कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है। मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। वहीं याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा- यह फैसला हिंदू समुदाय की जीत है। आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।
सनद रहे इससे पहले, हिंदू पक्ष ने कहा था कि यदि फैसला उनके पक्ष में आता है तो वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण और 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम एएसआई सर्वेक्षण, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे। मालूम हो कि पांच महिलाओं ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन देवी देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी गई थी जिनकी मूर्तियां ज्ञानवापी की बाहरी दीवार पर स्थित हैं।