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ओवैसी ने अपने ही खिलाफ भाई को चुनावी मैदान में क्यों उतारा? हैदराबाद में क्या है AIMIM का सियासी चाल; समझिए

हैदराबाद लोकसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी नामांकन कर दिया है। दिलचस्प बात है कि अकबरुद्दीन अपने भाई के लिए हैदराबाद के अलग-अलग इलाकों में जाकर वोट भी मांग रहे हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी ने बैकअप या वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा है। आइए जरा समझते हैं कि आखिर बैकअप उम्मीदवार क्या होता है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 23 Apr 2024 08:49 AM (IST)
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हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी नामांकन भरा।(फोटो सोर्स: जागरण)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024। हैदराबाद लोकसभा सीट पर एक ही पार्टी के दो उम्मीदवारों ने नामांकन भर दिया है। ये दोनों कोई और नहीं बल्कि AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी हैं। दिलचस्प बात है कि अकबरुद्दीन अपने भाई के लिए हैदराबाद के अलग-अलग इलाकों में जाकर वोट भी मांग रहे हैं।

एक सीट पर दो भाई द्वारा नामांकन भर दिए जाने के बाद लोगों के मन में ये सवाल खड़ा हो चुका है कि क्या हैदराबाद सीट पर दोनों भाई आमने-सामने आ चुके हैं? दरअसल, इसका जवाब है नहीं। दोनों भाई न तो एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में खड़े हैं और न ही दोनों भाईयों के बीच कोई मतभेद है।

क्या होता है वैकल्पिक उम्मीदवार?

अकबरुद्दीन ओवैसी ने बैकअप या वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा है। दरअसल, अगर किसी वजह से असदुद्दीन ओवैसी का नामांकन खारिज हो जाता है तो पार्टी के पास बैकअप के तौर पर अकबरुद्दीन ओवैसी का नामांकन रहेगा और पार्टी का एक कैंडिडेट चुनाव में बना रहेगा।

सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द

बता दें कि सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया गया है। उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में कुछ गड़बड़ी थी।

ओवैसी के खिलाफ माधवी लता लड़ रहीं चुनाव

बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने लगातार चार बार सांसद चुने गए है। वहीं, उनके पिता सलाहुद्दीन ओवैसी इसी सीट पर छह बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भाजपा पार्टी ने माधवी लता को मैदान में उतारा है। वहीं, भारत राष्ट्र समिति की ओर गद्दाम श्रीनिवास यादव चुनाव लड़ रहे हैं।

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