अमित शाह बोले- लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव, बिना कानून व्यवस्था नहीं हो सकता सफल
गृह मंत्री ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम अगर किसी सरकारी कर्मचारी का है तो वह पुलिस के मित्रों का है।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Sat, 04 Sep 2021 11:57 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी दिल्ली में 'पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो' के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को सम्मानित किया। मणिपुर सरकार ने मीराबाई चानू को पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में नियुक्त किया है। शाह ने कहा कि अजादी के पहले से लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव रहा है और बिना कानून व्यवस्था के यह सफल नहीं हो सकता है।
पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस के मौके पर अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव है। अगर कोई कहता है कि लोकतंत्र 15 अगस्त 1947 के बाद या 1950 में संविधान अपनाने के बाद ही आया, तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि पहले भी गांवों में 'पंच परमेश्वर' हुआ करते थे। हजारों साल पहले द्वारका में यादवों का गणतंत्र था। बिहार में गणतंत्र भी था, इसलिए लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। कानून व्यवस्था को ठीक रखने का काम पुलिस करती है। पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम अगर किसी सरकारी कर्मचारी का है तो वह पुलिस के मित्रों का है। उन्होंने कहा कि कहा कि कोई भी संस्था हो, वह अपने क्षेत्र के अंदर 51 साल तक अपनी प्रासंगिकता को बना सकता है और बनाए रखता है तो उसका मतलब है उसके काम में प्रासंगिकता और दम दोनों हैं।
Democracy is the nature of our country. If someone says that democracy came only after 15th August 1947 or only after the adoption of Constitution in 1950, then it is wrong. Democracy is our nature: HM Amit Shah at 51st Foundation Day of Bureau of Police Research & Development pic.twitter.com/pPN0jVklvK
— ANI (@ANI) September 4, 2021
समारोह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 75 सालों में देश में 35,000 पुलिस के जवानों ने बलिदान दिया इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक की रचना की जो बताता है कि पुलिस 35,000 बलिदानों के साथ देश की सेवा में खड़ी है।