'रेल दुर्घटनाओं की तह तक जाएंगे, ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी साजिश'; ट्रेन हादसों पर अमित शाह सख्त
देश में हाल के महीनों में हुई रेल दुर्घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है। शाह ने इसके पीछे गहरी साजिश की आशंका को देखते हुए गहन जांच कराने का फैसला किया है। शाह ने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए तह तक जांच की जाएगी। हमारी सरकार इन हादसों को लेकर गंभीर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में रेल दुर्घटनाओं के पीछे गहरी साजिश की आशंका को देखते हुए सरकार ने इसकी गहन जांच कराने का फैसला किया है। गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने साफ किया कि सरकार रेल दुर्घटनाओं की सच्चाई का पता लगाने के लिए इसके तह तक जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि रेल दुर्घटनाओं के पीछे कारण चाहे जो भी हो, सरकार इसके निवारण के लिए प्रतिबद्ध है।
रेल हादसों पर गंभीर सरकार
मोदी सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों पर आयोजित प्रेस वार्ता में रेल दुर्घटनाओं के पीछे साजिश की आशंका के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान रेलवे का विस्तार और उसका कायाकल्प पूरे देश की जनता महसूस कर रही है, लेकिन हाल के महीनों हो रहे रेल हादसों को भी सरकार ने गंभीरता ले लिया है और इसके निवारण की कोशिश में जुट गई है।
सारी खामियां होंगी दूर
शाह के अनुसार रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उनकी रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से पिछले दो दिनों में लंबी बात हुई है। उन्होंने कहा कि देश में एक लाख 10 हजार किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की सुरक्षा का पूरा रोडमैप तैयार किया गया है और जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा। रेल पटरियों की सुरक्षा से जुड़ी सभी खामियों को दूर किया जाएगा।अधिक दिनों तक नहीं चलेगी साजिश
अमित शाह ने साफ किया कि यदि रेल दुर्घटनाओं के पीछे कोई साजिश है, तो यह अधिक दिनों तक नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि अभी-अभी इस प्रकार की वृति नजर में आई है। हमने कठोरता से इसपर संज्ञान भी लिया है और एक योजना भी लेकर आ रहे हैं। इससे निपटने के लिए सीबीआई, एनआईए रेलवे पुलिस और गृहमंत्रालय एक साथ मिलकर बड़ी शिद्दत के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं और इस तरह की कोई घटना न हो इसपर क्रियान्वयन कर रहे हैं।
ध्यान देने की बात है कि दैनिक जागरण ने पहले ही खबर दी थी कि किस तरह से पिछले तीन महीने में हुई लगभग दो दर्जन दुर्घटनाओं में से अधिकांश बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हुई है और रेलवे ट्रैक पर भारी वस्तु या सिलेंडर रखने से हुई हैं। खुद रेलवे के अधिकारी इसके पीछे गहरी साजिश की आशंका जता रहे हैं।