Anand Mohan: 'रेमिशन पॉलिसी' जिससे आनंद मोहन जैसे दोषियों की सजा हुई माफ, क्या अब केंद्र लगा सकता है रोक?
Anand Mohan Case बाहुबली नेता आनंद मोहन के आज रिहा होने के बाद बिहार की राजनीति में फिर से हलचल मची है। आनंद मोहन की किस कानून के तहत रिहाई हुई और भाजपा भी इसका समर्थन क्यों कर रही है आइए जानें...
By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 27 Apr 2023 03:40 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Anand Mohan Case बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन आज रिहा हो गए। डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद आनंद मोहन के रिहाई के आदेश के बाद से ही बिहार में वार-पलटवार की राजनीति चरम पर है। रिहाई को कुछ पार्टियां गलत बता रही हैं तो राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के कुछ नेता रिहाई का समर्थन कर रहे हैं।
आखिर आनंद मोहन को किस कानून के तहत छोड़ा गया और क्यों भाजपा भी इसमें समर्थन कर रही है, आइए जानें...
रेमिशन पॉलिसी से सजा हुई माफ
आनंद मोहन जैसे दोषियों की सजा रेमिशन पॉलिसी (Remission policy) के तहत माफ की गई है। अपराधी की सजा को लेकर बनाई गई ये पॉलिसी उसकी सजा में छूट प्रदान करती है। इसके तहत किसी की भी सजा को राज्य सरकार कम कर सकती है, लेकिन इसको लेकर काफी विचार-विमर्श किया जाता है और कैदियों के व्यवहार का आकलन भी किया जाता है।यहां बता दें कि जेल राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अंतर्गत आते हैं। हर जेल का एक जेल मैनुअल होता है, जिसके तहत कोर्ट द्वारा किसी भी दोषी को दी गई सजा कम या माफ की जा सकती है।
कैसे मिली आनंद मोहन को रिहाई
रेमिशन पॉलिसी के तहत हर राज्य का अलग कानून होता है। दुष्कर्म और जघन्य अपराध करने वालों को कई राज्यों में सजा में कोई छूट नहीं दी जाती है। बिहार में सरकारी ड्यूटी पर तैनात कर्मी की हत्या के दोषी को सजा में कोई छूट नहीं दी जाती है। बिहार सरकार ने इसी कानूनी पेंच को हटाते हुए आनंद मोहन और 26 अन्य दोषियों की रिहाई का रास्ता साफ किया।दरअसल, नीतीश सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481 (I) (क) को ही हटा दिया। इस नियम के तहत सरकारी कर्मी की हत्या मामले में किसी भी दोषी की उम्रकैद की सजा 20 साल से पहले माफ नहीं हो सकती है। हालांकि, बिहार सरकार ने इस नियम को ही हटा दिया।