कांग्रेस के समर्थन का ऐलान कर सोनिया ने महिला आरक्षण बिल पारित होने की राह की आसान, कहा देरी होगी नाइंसाफी
महिला आरक्षण लागू करने में देरी पर चिंता जताते हुए सोनिया ने कहा कि सरकार को स्पष्ट बताना चाहिए कि महिलाओं का यह वास्तविक रूप में कब से लागू होगा। संसद भवन में लोकसभा में आए पहले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा की शु्रूआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण को लागू करने में किसी भी तरह की देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 20 Sep 2023 08:23 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष की ओर से बहस की शुरूआत करते हुए बिना शर्त बिल का समर्थन करने की घोषणा करते हुए इसके सर्वसम्मति से पारित होने की राह बना दी।
सोनिया ने महिला आरक्षण बिल का किया समर्थन
तमाम राजनीतिक किंतु-परंतु के सवालों को दरकिनार कर सोनिया गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि भारत की महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का लंबे समय से इंतजार कर रही हैं। इसीलिए बिल को न केवल तत्काल पारित किया जाए बल्कि तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। सोनिया गांधी ने साथ ही तुरंत जातीय जनगणना कराने और एससी-एसटी व ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की।
वहीं महिला आरक्षण लागू करने में देरी पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को स्पष्ट बताना चाहिए कि महिलाओं का यह वास्तविक रूप में कब से लागू होगा। नए संसद भवन में लोकसभा में आए पहले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा की शु्रूआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण को लागू करने में किसी भी तरह की देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी।
कांग्रेस बिल का समर्थन करती है और इसके पारित होने की खुशी है मगर चिंता है कि पिछले 13 वर्षों से भारतीय महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अब उन्हें कुछ वर्ष और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। क्या महिलाओं के साथ यह बर्ताव उचित है?
भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज: सोनिया
सोनिया ने कहा कि इस बिल को फौरन अमल में लाया जाए और साथ ही जातीय जनगणना करा कर एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार इसे साकार करने के रास्ते की सारी रुकावटों को दूर करे, ऐसा करना ना सिर्फ जरूरी है बल्कि संभव भी है। महिला आरक्षण विधेयक को राजनीतिक वाद-विवाद से दूर रखते हुए सोनिया गांधी ने चर्चा के दौरान देश की महिलाओं की संघर्ष गाथा की झलक भी सदन में दिखाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा धुंए से भरी हुई रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है, लेकिन आखिरकार उसने मंजिल को छू लिया है। उसने जन्म दिया, परिवार चलाया, पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा।ये भी पढ़ें: 'PM मोदी ने किया गोल', BJP ने सोनिया गांधी को दिया जवाब; Women Reservation Bill पर लोकसभा में घमासान
भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है। उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की शिकायत नहीं की और सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। मुश्किल वक्त में हिमालय की तरफ अडिग रही।स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती। हमारे महान देश की मां है स्त्री, लेकिन स्त्री ने हमें सिर्फ जन्म ही नहीं दिया है, अपने आंसुओं, खून-पसीने से सींच कर हमें अपने बारे में सोचने लायक बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है।
सोनिया ने आजादी की लड़ाई और नए भारत के निर्माण हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि वह उम्मीदों, आकांक्षाओं, तकलीफों और घर गृहस्थी के बोझ के नीचे नहीं दबी।इस संदर्भ में उन्होंने कई महान महिला नेताओं के योगदान का उल्लेख किया। महिला आरक्षण विधेयक को अपनी जिंदगी का बहुत मार्मिक क्षण बताते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि उनके जीवन साथी राजीव गांधी स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी के लिए संविधान संशोधन बिल लेकर आए थे जो सात वोटों से राज्यसभा में गिर गया।
नरसिंह राव की कांग्रेस सरकार ने बाद में इसे पारित कराया जिसके कारण स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। सोनिया ने कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है और महिला आरक्षण बिल के पारित होने के साथ ही यह सपना पूरा हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: सोनिया गांधी से लेकर डिंपल यादव तक... पढ़ें महिला आरक्षण बिल पर संसद में किसने क्या कहा