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आरिफ मोहम्मद ने केरल सरकार के मंत्रियों को दी चेतावनी, राजभवन कार्यालय के खिलाफ बयानबाजी पर करेंगे कार्रवाई

केरल विधानसभा द्वारा पारित लोकायुक्त और विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयकों और राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों जैसे कुछ विवादास्पद कानूनों पर हस्ताक्षर करने को लेकर आरिफ मोहम्मद खान और सत्तारूढ़ दल के बीच समय कोल्ड वार चल रहा है। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Mon, 17 Oct 2022 02:21 PM (IST)
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की फाइल फोटो
तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ और राजभवन के बीच कई मुद्दों पर तनातनी चल ही है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को सरकार के कई मंत्रियों को चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि केरल सरकार के किसी भी मंत्री का बयान उनके कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

केरल सरकार और राज्यपाल के बीच चल रहा कोल्ड वार

केरल विधानसभा द्वारा पारित लोकायुक्त और विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयकों और राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों जैसे कुछ विवादास्पद कानूनों पर हस्ताक्षर करने को लेकर आरिफ मोहम्मद खान और सत्तारूढ़ दल के बीच समय कोल्ड वार चल रहा है।

संवैधानिक संकट पैदा कर रहे राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि कुछ वामपंथी नेताओं और मंत्रियों ने आरोप लगाया था कि खान भाजपा और आरएसएस के इशारे पर राज्य में संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं। राज्यपाल केरल में बाद की नीतियों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।

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केरल के राजभवन कार्यालय ने किया ट्वीट

राजभवन कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को राज्यपाल को सलाह देने का पूरा अधिकार है। लेकिन व्यक्तिगत मंत्रियों के बयान जो राज्यपाल के पद की गरिमा को कम करते हैं। से सब कार्रवाई को आमंत्रित कर कर रहे हैं।

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15 सदस्यों को हटाने का जारी किया था आदेश

पिछले कुछ दिनों में आरिफ खान की केरल सरकार को यह दूसरी चेतावनी है। कुछ दिन पहले उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में केरल विश्वविद्यालय की सीनेट के 15 सदस्यों को हटाने का आदेश जारी किया था।

चयन समिति को करनी थी कुलपति कि नियुक्ति

राजभवन के सूत्रों ने कहा था कि खान ने सीनेट की बैठक आयोजित करने और चयन समिति के लिए सीनेट का एक नामित व्यक्ति प्रदान करने के उनके बार-बार निर्देशों के बाद कार्रवाई की थी। सूत्रों ने बताया था कि चयन समिति को कुलपति की नियुक्ति करनी थी।