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'ये किसी कुख्यात अपराधी की नहीं बल्कि...', केजरीवाल की जमानत शर्तों पर क्या बोल गई BJP, अखिलेश ने दिया करारा जवाब

शराब घोटाले मामले में करीब छह महीने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने वाले हैं। सीएम केजरीवाल को मिली जमानत पर भाजपा के नेता अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। भाजपा का कहना है कि जब केजरीवाल सीएम दफ्तर नहीं जा सकते किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते तो उन्हें सीएम बनने का अधिकार भी नहीं है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 13 Sep 2024 03:44 PM (IST)
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Arvind Kejriwal Gets Bail: सीएम केजरीवाल पर भाजपा नेताओं ने साधा निशाना।(फोटो सोर्स: जागरण)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। CM Arvind Kejriwal Jail। शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 6 शर्तों के साथ जमानत दी है। भले ही दिल्ली सीएम को कई दिनों के बाद राहत भरी खबर मिली है, लेकिन कोर्ट के फैसले आने के बाद भाजपा ने आम आदमी पार्टी के संयोजक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वहीं, विपक्षी नेता भी सीएम केजरीवाल के समर्थन में खड़े हो गए हैं।

अमित मालवीय ने सीएम केजरीवाल पर साधा निशाना

भाजपा नेता अमित मालवीय ने सीएम केजरीवाल की तुलना कुख्यात अपराधी से कर दी है। अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा,"ये किसी कुख्यात अपराधी की नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत की शर्तें है। जब कार्यालय नहीं जा सकते, फाइल पर साइन नहीं कर सकते, तो मुख्यमंत्री क्यों बने हुए हैं? दिल्ली के लोगों की मेहनत की कमाई से बने आलीशान बंगले में रहेंगे और काम कुछ नहीं करेंगे। क्यों?"

अखिलेश यादव ने किया पलटवार

वहीं, अमित मालवीय के पोस्ट पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा,"दिल्ली के लोकप्रिय व जन कल्याणकारी मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी की जमानत ‘संविधान की जीत’ है।

उन्होंने आगे लिखा,"संविधान विरोधी ही संविधान का दुरुपयोग करते हैं। न्याय के दरवाज़े पर दी गयी दस्तक हमेशा सुनी जाती है। दुनिया अब तक इसी परंपरा पर आगे बढ़ी है और आगे भी बढ़ती रहेगी।"

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 13, 2024

सीएम केजरीवाल को किन शर्तों पर मिली जमानत?

सर्वोच्च न्यायालय ने छह शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी है। कोर्ट के मुताबिक, वो सीएम दफ्तर नहीं जा सकते हैं। वहीं, वो गवाहों से संपर्क नहीं कर सकते हैं। तीसरा शर्त यह है कि वो जांच में सहयोग करेंगे। कोर्ट ने 10 लाख के मुचलके पर उन्हें रिहा किया गया है। वो न तो सीएम दफ्तर जा सकते हैं और न ही न किसी फाइल पर साइन कर सकेंगे।

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