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Atal Bihari Vajpayee: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के कई अनसुने पहलू, जानें 10 रोचक तथ्य

देश के लिए 15 अगस्त के बाद16 अगस्त का दिन बेहद अहम है। क्योंकि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के चमकते सितारे अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया था।

By Babli KumariEdited By: Updated: Tue, 16 Aug 2022 09:08 AM (IST)
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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल इमेज)
नई दिल्ली, ऑनलाइनडेस्क। हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा....किसी भी परिस्थिति से जूझने और हार न मानने का ये मंत्र देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज पुण्यतिथि ( Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary ) है। भारतीय राजनीति में अजातशत्रु की तरह याद किए जाने वाले अटल को आज पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहा है। अटल जी की समाधि स्थल पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों ने श्रंद्धाजलि दी। इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्राप्त करने वाले और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में रहते हुए एक विशिष्ट और सराहनीय मुकाम को हासिल किया था। ये भारतीय जनता पार्टी की ओर से देश के सबसे सराहनीय प्रधानमंत्री रहे। आइये इस लेख के माध्यम से उनसे जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर अध्ययन करते हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर के मध्य वर्गीय ब्राह्मण परिवार में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर 1924 में हुआ। उनके दादा पंडित श्याम लाल वाजपेयी उत्तर प्रदेश के बटेश्वर से ग्वालियर जा बसे थे।

उनके पिता कवि और स्कूल मास्टर थे। वाजपेयी की पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर और ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से हुई। उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में 75 फीसदी से ज्यादा अंक पाए थे।

राजनीति में उनका पहला कदम अगस्त 1942 में रखा गया, जब उन्हें और बड़े भाई प्रेम को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 23 दिन के लिए गिरफ्तार किया गया। 1951 में वह भारतीय जनसंघ से जुड़े।

वाकपटुता और सांगठनिक मजबूती के दम पर वह जल्द ही जनसंघ का चेहरा बन गए। दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के साथ ही जनसंघ की जिम्मेदारी नौजवान वाजपेयी के कंधों पर आ गई। वह 1968 में इसके अध्यक्ष बने।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक बार कहा था कि एक रोज अट‌ल बिहारी वाजपेयी को देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका जरूर मिलेगा। महात्मा रामचंद्र वीर की अमर कृति विजय पताका ने वाजपेयी की जिंदगी में काफी असर डाला।

वाजपेयी को उनकी वाकपटुता और करिश्माई व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है। वह ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने का फैसला किया।

वाजपेयी को कविताओं से भी खासा लगाव रहा। वह अपने विचारों को कई बार कविताओं के माध्यम से ही सामने रखते थे। उनका कहना है कि कविता उनके लिए जंग में हार नहीं, बल्कि जीत की घोषणा की तरह है।

अटल बिहारी वाजपेयी को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार बापजी कहते हैं। उनकी गोद ली हुई एक बेटी है, जिसका नाम नमिता है। उन्हें भारतीय संगीत और नृत्य में काफी दिलचस्पी है।

अटल बिहारी वाजपेयी को कई बार सम्मनित किया जा चुका है। उन्हें 1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार व गोविंद वल्लभ पंत जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया। उनको दिसम्बर, 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया। इनके जीवन से हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बड़े प्रभावित रहे हैं और अटल जी खुद श्यामा प्रसाद मुखेर्जी के प्रशंसक रहे हैं।

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लोकप्रिय जननेता, प्रखर राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणा-पुंज, पूर्व प्रधानमंत्री, ’भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपका शुचितापूर्ण राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन लोकतंत्र हेतु सदैव आदर्श मानक रहेगा। - Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 16 Aug 2022

अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क मार्गों के विस्तार हेतु स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को प्रारंभ किया था। उनके कार्यकाल में भारत में इतनी सड़कों का निर्माण हुआ जितनी शेरशाह सूरी के शासनकाल में हुआ था। उन्होंने 100 साल पुराने कावेरी जल विवाद को भी सुलझाया था।