पिता ने छोड़ी पार्टी तो कांग्रेस ने बेटे से लिया बदला, मुंबई यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से जीशान सिद्दीकी को हटाया
कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी को मुंबई युवा कांग्रेस प्रमुख पद से हटा दिया गया। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने एक बयान जारी कर जीशान सिद्दीकी के स्थान पर युवा संगठन की मुंबई इकाई के नए प्रमुख के रूप में अखिलेश यादव का नाम लिया।सिद्दीकी ने निष्कासन पर निराशा व्यक्त की और कहा कि उन्हें पार्टी से बिना किसी आधिकारिक सूचना के पद से हटा दिया गया है।
पीटीआई, मुंबई। बाबा सिद्दीकी के कांग्रेस पार्टी को छोड़ने के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी को मुंबई में पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। अब अखिलेश यादव उनकी जगह यह पद ग्रहण करेंगे।
मंगलवार को भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने एक बयान जारी कर जीशान सिद्दीकी के स्थान पर युवा संगठन की मुंबई इकाई के नए प्रमुख के रूप में अखिलेश यादव का नाम लिया। बता दें कि अखिलेश यादव कभी शहर में पार्टी की छात्र शाखा एनएसयूआई के प्रमुख रहे थे। आईवाईसी के पूर्व सचिव यादव के साथ, आठ अन्य पदाधिकारियों को भी श्रीनिवास द्वारा मुंबई युवा कांग्रेस में नियुक्त किया गया था।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं जीशान
विधानसभा में उपनगरीय मुंबई के बांद्रा (पूर्व) का प्रतिनिधित्व करने वाले पहली बार विधायक बने जीशान सिद्दीकी, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं। बता दें कि बाबा सिद्दीकी इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP पार्टी में शामिल हो गए थे।Zeeshan Siddiqui removed from the the post of Mumbai Youth Congress President.
— ANI (@ANI) February 21, 2024
Earlier this month, Zeeshan Siddiqui's father Baba Siddiqui left Congress and joined Ajit Pawar faction NCP.
(File Photo) pic.twitter.com/7BKBCUaqbd
जीशान सिद्दीकी ने जताई निराशा
इस बीच, जीशान सिद्दीकी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर निष्कासन पर निराशा व्यक्त की और कहा कि उन्हें पार्टी से बिना किसी आधिकारिक सूचना के पद से हटा दिया गया है। उन्होंने X पर लिखा, 'मुंबई यूथ कांग्रेस के 88,517 सदस्यों ने मुझे मुंबई यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए वोट दिया, जो मुंबई यूथ कांग्रेस के इतिहास में सबसे ज्यादा संख्या है। यह कोई नामांकित पद नहीं है जो मुझे नेताओं की पैरवी करने या उनकी हां में हां मिलाने से मिला है। मुझे चुनाव प्रक्रिया में सबसे अधिक अंतर से चुना गया है।'