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Kerala Assembly Election 2021: पीसी चाको के इस्‍तीफे से केरल में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बड़ा झटका, बढ़ी मुसीबत

Kerala Assembly Election 2021 पीसी चाको ने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से इस फैसले पर विचार-विमर्श कर रहा था। उन्होंने कहा कि केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है। मैं केरल से आता हूं जहां कोई कांग्रेस पार्टी नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 11:20 PM (IST)
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केरल में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राजनीतिक चुनौतियों से लगातार रूबरू हो रही कांग्रेस को केरल के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी छोड़ने का एलान कर सूबे के चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस नेतृत्व के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाने वाले चाको ने पार्टी की केरल इकाई में भारी गुटबाजी और अंतर्कलह का हवाला देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं चाको ने केरल में पार्टी की गुटबाजी नहीं रोक पाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को भी सवालों के कठघरे में खड़ा किया।

सूबे में गुटबाजी को लेकर आधा दर्जन दूसरे वरिष्ठ नेता भी असंतुष्ट

खासकर तब, जबकि खुद राहुल गांधी केरल में जमे हैं। केरल विधानसभा चुनाव में वामपंथी गठबंधन के सामने मुश्किल चुनौती का सामना कर रही कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए चाको ने जहां इस्तीफा दे दिया, वहीं प्रदेश के दूसरे करीब आधा दर्जन नेता भी राज्य नेतृत्व से बेहद नाराज हैं। इन नेताओं का असंतोष केरल में सत्ता वापसी की कांग्रेस की उम्मीदों को धराशायी कर सकता है।

प्रदेश कांग्रेस की कार्यशैली से असंतुष्ट

समझा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रमेश चेन्निथला और पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव ओमन चांडी से नाराज इन नेताओं में लोकसभा के दो मौजूदा सदस्य एमके राघवन और के सुधाकरण भी शामिल हैं। इनके अलावा वरिष्ठ नेता व राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पीजे कुरियन, पूर्व मुख्यमंत्री करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन आदि भी प्रदेश कांग्रेस की कार्यशैली से असंतुष्ट बताए जाते हैं।

पीसी चाको नहीं मिला चुनाव लड़ने का मौका

पीसी चाको विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर प्रदेश कांग्रेस ने वरिष्ठतम नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला किया है। इसकी वजह से चाको की चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर पानी फिर गया और उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ने का फैसला किया। चाको ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।

उन्होंने कहा कि निष्ठावान पार्टीजनों के लिए कांग्रेस में बने रहना बेहद कठिन हो गया है क्योंकि यहां काबिलियत कोई कसौटी नहीं रह गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस एक साल से अपने नेतृत्व को लेकर ही कोई फैसला नहीं कर पा रही और यह बिन पतवार नैया की तरह डांवाडोल हो रही है।चाको ने रमेश और चांडी पर निशाना साधते हुए कहा कि केरल में कांग्रेस दो गुट बनकर रह गई है। चांडी 'कांग्रेस ए' की तो रमेश 'कांग्रेस आइ' खेमे की अगुआई कर रहे हैं।

चाको ने कहा कि इस गुटबाजी से पार्टी के लोगों में बढ़ रहे असंतोष को लेकर उन्होंने पार्टी हाईकमान को कई बार समझाने का प्रयास किया, मगर शीर्ष नेतृत्व भी इनकी बात ही सुनता है। रमेश और चांडी संगठन के सभी पद आपस में बांट लेते हैं और जो पार्टीजन किसी गुट में नहीं हैं उनकी अनदेखी होती है।

पीसी चाको की गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में होती रही थी और पिछले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव तक वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी थे। संप्रग सरकार के समय टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए बनी संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी चाको सियासी चर्चा में रहे थे।

पीसी चाको के बयान पर लगा था चाटुकारिता का आरोप

ज्ञात हो कि पीसी चाको ने करीब दो साल पहले गांधी परिवार को 'देश का पहला परिवार' बताकर बखेड़ा खड़ा कर दिया था। तब इस बयान की खासी आलोचना हुई थी और भाजपा ने उन पर चाटुकारिता का आरोप लगाया था। उनके इस्‍तीफे से अब लगता है कि पीसी चाको का गांधी परिवार से मोहभंग हो गया है। चाको ने उस समय कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की भारत के पहले परिवार के बारे में नकरात्‍मक राय है। वह सच में भारत का पहला परिवार है। भारत उनका आभारी है।... भारत आज जो है वो पंडित जवाहरलाल नेहरू की योजना और नेतृत्‍व की वजह से है।" उस समय केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी परिवार के बारे में चाको के बयान की निंदा की थी।

उचित फैसला नहीं 

चाको के इस्‍तीफे पर कांग्रेस सांसद एचबी इडन ने कहा कि वह (पीसी चाको) एक बहुत वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, जिन्हें केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पर्याप्त अवसर दिए गए हैं। वह कांग्रेस के लिए एक मूल्यवान संपत्ति हैं। मुझे नहीं लगता कि यह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर एक बुद्धिमान फैसला था, जहां कांग्रेस एक महत्वपूर्ण चुनाव में जा रही है। 

वायनाड में भी 4 नेताओं ने दिया था इस्तीफा

पिछले हफ्ते पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में 4 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य केके विश्वनाथन, केपीसीसी सचिव एमएस विश्वनाथन, डीसीसी महासचिव पीके अनिल कुमार और महिला कांग्रेस नेता सुजाया वेणुगोपाल ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।