गांधी परिवार के पू्र्व प्रधानमंत्रियों पर बरसे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान; बोले- किसान विरोधी है कांग्रेस का DNA
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह आरोप निराधार है कि मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से पर्याप्त मात्रा में अनाज नहीं खरीद रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही किसान-विरोध है। आज से नहीं प्रारंभ से ही कांग्रेस की व्यावहारिकताएं गलत हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्राथमिकताएं बदल दी गईं हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर 'किसान विरोधी' डीएनए होने के आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने आजादी के बाद अपने शासनकाल के दौरान कभी भी कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दी।
मोदी सरकार की छह प्राथमिकताएं
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार की छह प्राथमिकताएं हैं।- कृषि उत्पादन बढ़ाना
- खेती के लिए इनपुट लागत कम करना
- किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करना
- प्राकृतिक आपदाओं के मामले में किसानों को पर्याप्त राहत
- कृषि में विविधीकरण और मूल्यवर्धन
- और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
एमएसपी पर विपक्ष
कृषि मंत्री ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से पर्याप्त मात्रा में अनाज नहीं खरीद रही है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस का डीएनए ही किसान-विरोध है। आज से नहीं प्रारंभ से ही कांग्रेस की व्यावहारिकताएं गलत हैं।"
कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। स्व. जवाहरलाल नेहरू जी 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। pic.twitter.com/sAX9Jz58nz
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 2, 2024
कृषि मंत्री ने कांग्रेस शासन को किया याद
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान कृषि क्षेत्र की अनदेखी की गई और प्राथमिकताएं गलत रखी गईं। उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में लोगों को अमेरिका से आयातित खराब गेहूं खाना पड़ा था।
वहीं, दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान सरकार किसानों से जबरन उगाही करती थी। इसके बाद दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कृषि मूल्य नीति के बारे में बात की थी, लेकिन किसानों की आय में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि दिवंगत पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने कृषि क्षेत्र से संबंधित उद्योगों का लाइसेंस रद्द नहीं किया था। वहीं, साल 2004-2014 की अवधि के दौरान यूपीए शासन घोटालों से भरा था।