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Bharat Jodo Yatra: हिंदी को 'राष्ट्रीय भाषा' बनाने पर राहुल गांधी बोले- क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को इससे खतरा

राहुल गांधी ने कहा कि अगर हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बना दिया जाता है तो इससे क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल वैचारिक ताकतों का व्यवस्थित तरीके से हमला हो रहा है।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2022 01:01 PM (IST)
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राष्ट्रीय भाषा को लेकर राहुल गांधी ने दिया बयान।
मांड्या, आनलाइन डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। पदयात्रा अभी कर्नाटक से निकल रही है। इस बीच राहुल गांधी ने कन्नड़ भाषा और वहां के लोगों की संस्कृति पर हमला होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल वैचारिक ताकतों का व्यवस्थित तरीके से हमला हो रहा है और यह हमला अब पाठ्यक्रम तक जा पहुंचा है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को कई शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों से बातचीत के दौरान यह बात कही

हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का इरादा नहीं

राहुल गांधी ने शिक्षकों से बातचीत करते हुए कहा कि अकेले हिंदी को 'राष्ट्रीय भाषा' बनाने का कोई इरादा नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को खतरा है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विशेष रूप से पिछले 75 वर्षों में किए गए सभी कार्यों को बदलने के लिए डिजाइन किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारों द्वारा किए गए परिवर्तनों के पीछे सांप्रदायिकता, केंद्रीकरण और व्यावसायीकरण ही एकमात्र एजेंडा है।

25 किमी प्रतिदिन चल रहे राहुल

राहुल गांधी वर्तमान में भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर को कवर करेगी, जिसमें 12 राज्यों को शामिल किया गया है। यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई और अगले साल 25 किमी प्रतिदिन की दूरी तय कर कश्मीर में समाप्त होगी। फिलहाल यह पदयात्रा कर्नाटक में चल रही है। इसमे बीते दिनों सोनिया गांधी ने भी हिस्सा लिया था।

12 राज्यों को कवर करेगी यात्रा

बता दें कि इस यात्रा का लक्ष्य पांच महीनों में 12 राज्यों को कवर करना है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह यात्रा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करने और देश के लोगों को आर्थिक असमानताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक केंद्रीकरण के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित की जा रही है। गौरतलब है कि राहुल गांधी के साथ पार्टी के सभी सांसद, नेता और कार्यकर्ता कंटेनरों में ठहरे हुए हैं। कुछ कंटेनरों में स्लीपिंग बेड, शौचालय और एसी भी लगाए गए हैं।

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