तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे भूटान के राजा जिग्मे खेसर वांगचुक, जयशंकर बोले- यात्रा से संबंध होंगे मजबूत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के निमंत्रण पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने स्वागत किया।
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के निमंत्रण पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने स्वागत किया। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और अद्वितीय संबंधों को और मजबूत करेगी।
#WATCH | King of Bhutan, Jigme Khesar Namgyel Wangchuck arrives in Delhi; received by EAM Dr S Jaishankar pic.twitter.com/KniClmN5mE
जयशंकर बोले- भारत-भूटान की साझेदारी और होगी मजबूत
जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा कि भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के भारत आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उनकी यात्रा भारत-भूटान की करीबी और अनूठी साझेदारी को और मजबूत करेगी। बता दें कि भूटान के राजा के साथ विदेश मंत्री डॉ. टांडी दोरजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आए हैं।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु से भी करेंगे मुलाकात
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। राजा जिग्मे की यह यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को ध्यान में रखते हुए है। राजा जिग्मे वांगचुक की यात्रा भारत और भूटान दोनों को द्विपक्षीय सहयोग की पूरी श्रृंखला का मूल्यांकन करने का मौका देगी।
भूटान के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से की थी मुलाकात
इससे पहले फरवरी 2023 में भूटान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वांगचुक नामग्याल के नेतृत्व में भूटान के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत दोनों देशों के बीच बहुमुखी और अद्वितीय मित्रता को गहराई से महत्व देता है।
भारत-भूटान के बीच गहरे हैं संबंध
राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल भूटान सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) समूह के देशों से आगे निकल जाएगा और 2034 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने की राह पर चल पड़ेगा। बताते चलें कि भारत-भूटान संबंधों का मूल ढांचा दोनों देशों के बीच 1949 में हस्ताक्षरित मित्रता और सहयोग की संधि है, जिसे फरवरी 2007 में नवीनीकृत किया गया था। द्विपक्षीय संबंधों को दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान से आगे बढ़ाया गया है।