राष्ट्रीय राजनीति को नया उबाल देगी बिहार की जातिवार गणना रिपोर्ट, OBC पर BJP के वर्चस्व को तोड़ने की कोशिश तेज
राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना कराने की मांग का कांग्रेस मुखर समर्थन कर रही है। आइएनडीआइए में इस पर लगभग व्यापक सहमति है। केवल तृणमूल कांग्रेस ने जातिवार जनगणना पर अपना रुख सार्वजनिक करने से अब तक परहेज किया है। मगर आइएनडीआइए में शामिल राजद जदयू द्रमुक सरीखे प्रमुख दल जिस तरह ओबीसी को अपनी सियासी धुरी का आधार बना रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Mon, 02 Oct 2023 10:45 PM (IST)
संजय मिश्र, नई दिल्ली। बिहार में जातिवार गणना के आंकड़े जारी होने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में ओबीसी ट्रंप कार्ड का दांव खेलने की सियासत का गरम होना तय हो गया है। नीतीश सरकार के इस कदम ने 2024 के चुनाव से ठीक पहले मंडल दौर के बाद ओबीसी सियासत को नया उबाल देने का रास्ता भी खोल दिया है। भाजपा के ओबीसी वर्चस्व को तगड़ी चुनौती देने की विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए की कोशिशों को भी इससे रफ्तार मिलना तय हो गया है।
भाजपा के लिए सियासी चुनौती
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की इस पहल को बिना देरी लपकते हुए जितनी जिसकी आबादी उतनी उसकी भागीदारी का नारा बुलंद कर भाजपा के महिला आरक्षण के नैरेटिव को ओबीसी ट्रंप कार्ड के जरिये गंभीर चुनौती देने का संकेत दे दिया। जातिवार गणना की बिहार की यह पहल केवल लोकसभा चुनाव ही नहीं इसी नवंबर-दिसंबर में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी भाजपा के लिए सियासी चुनौती बन गई है।
कांग्रेस का मुखर समर्थन
राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना कराने की मांग का कांग्रेस मुखर समर्थन कर रही है। आइएनडीआइए में इस पर लगभग व्यापक सहमति है। केवल तृणमूल कांग्रेस ने जातिवार जनगणना पर अपना रुख सार्वजनिक करने से अब तक परहेज किया है। मगर आइएनडीआइए में शामिल राजद, जदयू, द्रमुक सरीखे प्रमुख दल जिस तरह ओबीसी को अपनी सियासी धुरी का आधार बना रहे हैं, उससे साफ है कि विपक्ष ने जातिवार गणना पर अपनी पोजिशन ले ली है। अब भाजपा पर अपना नजरिया स्पष्ट करने का दबाव बढ़ गया है।
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