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Bihar Politics: बिहार में अब सिर्फ घोषणा का इंतजार... नीतीश की पटकथा तैयार; पांच फरवरी इसलिए है खास

Bihar Politics गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अजनबी की तरह खड़े दिखे। बातचीत भी नहीं हुई। इससे भी बड़ी दूरी उस समय नजर आई जब राजभवन की परंपरागत हाई-टी में तेजस्वी ने जाना भी जरूरी नहीं समझा। कुछ देर के इंतजार के बाद जदयू कोटे से ही मंत्री अशोक चौधरी तेजस्वी के आरक्षित सीट से नाम की पर्ची हटाकर बैठे दिखे।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Fri, 26 Jan 2024 10:00 PM (IST)
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Bihar Politics: बिहार में अब सिर्फ घोषणा का इंतजार (Photo Jagran)

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। बिहार की सियासी धुंध छंटने लगी है। अटकलों का पर्दा पारदर्शी होने लगा है। राजद-जदयू की अलग-अलग गतिविधियां, बयानों की तल्खी और नेताओं की दूरियां बता रही हैं कि फेरबदल की पटकथा लगभग तैयार हो चुकी है। अब सिर्फ घोषणा का इंतजार है। कुछ बहुत अप्रत्याशित नहीं हुआ तो दो दिनों के दौरान आइएनडीआइए को बिहार में भी झटका लग सकता है। क्योंकि नए गठबंधन को पांच फरवरी से प्रारंभ होने जा रहे बिहार विधानसभा के बजट सत्र से पहले बहुत सारे काम करने होंगे। इसके लिए सियासत को सामान्य और सरकार को सहज होना जरूरी होगा।

नाम की पर्ची हटाकर बैठे दिखे अशोक चौधरी

शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अजनबी की तरह खड़े दिखे। बातचीत भी नहीं हुई। इससे भी बड़ी दूरी उस समय नजर आई, जब राजभवन की परंपरागत हाई-टी में तेजस्वी ने जाना भी जरूरी नहीं समझा। कुछ देर के इंतजार के बाद जदयू कोटे से ही मंत्री अशोक चौधरी तेजस्वी के आरक्षित सीट से नाम की पर्ची हटाकर बैठे दिखे।

दोनों दलों की अपनी अपनी बैठकें बुलाई गई

राजद की ओर से औपचारिकता पूरी करने के लिए सिर्फ एक मंत्री आलोक मेहता को भेज दिया। राजद का साथ कांग्रेस ने भी दिया। वह भी राजभवन के इस सर्वदलीय आमंत्रण से दूर-दूर रही। बिहार में शायद यह पहला मौका है, जब राजभवन में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ऐसे कार्यक्रम में सरकार के प्रमुख सहयोगी शामिल नहीं हुए। शनिवार को दोनों दलों की अपनी अपनी बैठकें बुलाई गई हैं।

जीतनराम मांझी ने भी एक्स पर पोस्ट कर चर्चाओं को गर्म किया

इधर दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कुछ नेताओं की बैठक हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने यह कहकर सबकुछ बयान कर दिया है कि भाजपा का दरवाजा खुल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के सहयोगी जीतनराम मांझी ने भी एक्स पर पोस्ट कर चर्चाओं को गर्म कर दिया है। उन्होंने लिखा कि आज ही हो जाएगा का जी? खेला आउर काज्।

दिनभर बिहार के वरिष्ठ नेताओं से विमर्श चलता रहा

हलचल के बीच बिहार भाजपा नेताओं की दिल्ली-पटना की दौड़ भी बढ़ गई है। एक दिन पहले सुशील मोदी समेत भाजपा के बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी को दिल्ली बुलाया गया था। शीर्ष नेतृत्व से मार्गदर्शन लेकर शुक्रवार को सब पटना लौट गए। तैयारी दूसरी तरफ भी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी शुक्रवार को दिनभर अपने दल के वरिष्ठ नेताओं से विमर्श करते रहे। स्पीकर से भी आगे की संभावनाओं पर चर्चा की। शनिवार को भी राजद ने अपने कोटे के मंत्रियों एवं वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुला रखी है।

क्या हो सकती है बदलाव की प्रक्रिया

परिवर्तन की बयार में बदलाव की प्रक्रिया की भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा कि पिछली बार की प्रक्रिया को दोहराया जा सकता है। सबकुछ तय हो जाने के बाद मुख्यमंत्री राजभवन जाकर इस्तीफा दे सकते हैं एवं नई सहयोगी भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो राजग अपने पहले वाले स्वरूप में आ सकता है। फिर नीतीश कुमार को राजग का नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें हटाया जा सकता है। यह पद अभी राजद के पास है। जदयू के महेश्वर हजारी डिप्टी स्पीकर हैं। उन्हें पूर्ण स्पीकर का प्रभार दिया जा सकता है या भाजपा कोटे से किसी विधायक को स्पीकर चुना जा सकता है।

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