Assembly Election Results 2023: शहरों में और मजबूत हुई भाजपा, गांवों में बढ़ा जनाधार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे और उनकी व्यापक अपील के फलस्वरूप भाजपा के संदर्भ में इस धारणा को बदल लेने की जरूरत है कि उसका मुख्य जनाधार शहरी इलाके हैं। मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत के कई कारण हैं जिनका व्यापक असर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बराबर देखने को मिला। मध्य प्रदेश में उसने शहरी और ग्रामीण इलाकों में सात प्रतिशत से अधिक अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे और उनकी व्यापक अपील के फलस्वरूप भाजपा के संदर्भ में इस धारणा को बदल लेने की जरूरत है कि उसका मुख्य जनाधार शहरी इलाके हैं, क्योंकि जनमत परीक्षण के ताजा दौर में उसने शहरी के साथ-साथ अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में भी अपना वोट बैंक उल्लेखनीय तरीके से बढ़ाया। शहरी इलाकों में उसका वोट प्रतिशत तो तीनों राज्यों में 50 से ऊपर है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसकी दर्शनीय जीत के कई कारण हैं, जिनका व्यापक असर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बराबर देखने को मिला। मध्य प्रदेश में उसने शहरी और ग्रामीण इलाकों में सात प्रतिशत से अधिक अपना वोट प्रतिशत बढ़ाया है और यह कितना असरदार है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शहरी क्षेत्र में उसने पचास प्रतिशत का आंकड़ा आसानी से पारकर 56 प्रतिशत मत हासिल किए। यह पिछले चुनाव के मुकाबले 7.3 प्रतिशत ज्यादा है। अर्धशहरी यानी कस्बाई इलाकों में उसका वोट प्रतिशत लगभग 49 प्रतिशत है- पिछली बार से 5.9 प्रतिशत अधिक। इस राज्य में ग्रामीण इलाकों में पार्टी को पिछले साल के मुकाबले 7.5 प्रतिशत अधिक 47.5 प्रतिशत वोट मिले।
कांग्रेस को हुआ भारी नुकसान
दूसरी ओर कांग्रेस को शहरी और अर्ध शहरी इलाकों, दोनों जगह नुकसान का सामना करना पड़ा। शहरी क्षेत्रों में उसे 41.1 प्रतिशत वोट मिले। यह पिछली बार से लगभग तीन प्रतिशत कम हैं, जबकि अर्धशहरी इलाकों में उसका वोट प्रतिशत 38.1 (पिछली बार से 1.8 प्रतिशत कम) रहा। ग्रामीण इलाकों में पार्टी जरूर 41.3 प्रतिशत वोट पाने में सफल रही। यहां उसने अपना जनाधार लगभग कायम रखा है।
राजस्थान में वोट फीसद बढ़ाने में कामयाब रही भाजपा
राजस्थान में सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा सभी जगह अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रही। उसे शहरी इलाकों में 53.2, अर्धशहरी क्षेत्रों में 41.2 और गांवों में 40.3 प्रतिशत वोट मिला। कांग्रेस सभी जगह पिछड़ती चली गई है। उसे ग्रामीण इलाकों को छोड़कर हर जगह नुकसान भी हुआ। कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन तो किया, लेकिन वह न तो भाजपा की इन इलाकों में कमजोरी का फायदा उठा सकी और न ही उसे अपनी स्थिति और मजबूत करने से रोक सकी।
छत्तीसगढ़ के नतीजे भाजपा के लिए और अधिक भरोसा बढ़ाने वाले हैं। पार्टी ने इस राज्य में शहरी इलाकों में जबरदस्त कामयाबी हासिल करते हुए कांग्रेस के तमाम धुरंधरों को धूल चटा दी। भाजपा छत्तीसगढ़ में शहरी इलाकों में अपना वोट 13 प्रतिशत तक बढ़ाने में कामयाब रही और उसने 57.5 प्रतिशत वोट हासिल कर एक तरह का रिकार्ड कायम किया है। इसके मुकाबले इन इलाकों में कांग्रेस ने सिर्फ 35.3 प्रतिशत वोट हासिल किए और उसे 11.1 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ। अर्धशहरी इलाकों में भाजपा को 50.4 प्रतिशत वोट मिले और ग्रामीण इलाकों में 44 प्रतिशत से ज्यादा। दूसरी ओर कांग्रेस को उसके गढ़ गांवों में भी ढाई प्रतिशत से अधिक मतों का नुकसान हुआ।
मध्य प्रदेश
क्षेत्र | भाजपा | कांग्रेस |
शहरी | 56.0 | 41.1 |
अर्धशहरी | 48.4 | 38.1 |
ग्रामीण | 47.9 | 41.3 |
राजस्थान
क्षेत्र | भाजपा | कांग्रेस |
शहरी | 53.2 | 43.4 |
अर्धशहरी | 41.2 | 42.4 |
ग्रामीण | 40.3 | 39.1 |
छत्तीसगढ़
क्षेत्र | भाजपा | कांग्रेस |
शहरी | 57.5 | 35.3 |
अर्धशहरी | 50.4 | 41.0 |
ग्रामीण | 44.1 | 41.7 |