'BJP के बजट में 'बी' का मतलब विश्वासघात है', मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर फिर बोला हमला
Kharge on budget कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बजट में सरकार तथाकथित रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाएं लाई गई है लेकिन वो सिर्फ दिखावा है और उससे किसी युवा का भला नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि बजट में उद्योग पर केवल इंटर्नशिप थोपी गई है और ये युवाओं से धोखा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। Kharge on budget कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट को लेकर मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। खरगे ने कहा कि इस बजट में तथाकथित रोजगार संबंधी प्रोत्साहन योजनाएं लाई गई है, लेकिन वो सिर्फ दिखावा है और उससे किसी युवा का भला नहीं होने वाला।
उद्योग पर इंटर्नशिप योजना थोपी गई
खरगे ने कहा कि केंद्रीय बजट में 'बी' का मतलब विश्वासघात (Betrayal) है। खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के बजट में उद्योग पर केवल इंटर्नशिप थोपी गई है, जिसका कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं दिखता।
खरगे ने इसी के साथ मोदी सरकार से उनकी योजनाओं पर दो सवाल पूछे -
- मोदी सरकार इन योजनाओं का ब्यौरा कब देगी? खरगे ने कहा कि न तो युवा और न ही उद्योग, जिन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार इंटर्नशिप, पहली बार नौकरी के लिए प्रेरित किया जाना है, उन्हें रोजगार से जुड़ी पांच प्रोत्साहन योजनाओं की रूपरेखा के बारे में कोई जानकारी है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस के घोषणापत्र से इस आधे-अधूरे विचार को लागू करने से पहले कोई हितधारक परामर्श किया गया था।
- दूसरी ओर, मोदी सरकार के बजट में उद्योग पर केवल इंटर्नशिप थोपी गई है, जिसका कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं है। खरगे ने पूछा कि रोजगार से जुड़ी इन प्रोत्साहन योजनाओं में सार्वजनिक कंपनियों को शामिल क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा चाहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र में आरक्षण के माध्यम से एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस युवाओं की भर्ती न हो? खरगे ने पूछा कि ये सभी योजनाएं अस्थायी रोजगार या इंटर्नशिप क्यों प्रदान कर रही हैं।
युवाओं को धोखा दे रही सरकार
खरगे ने कहा कि 'कुर्सी बचाओ बजट' के एक सप्ताह बाद शिक्षा जगत और उद्योग जगत तथाकथित 'रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन' योजनाओं के बारे में मोदी सरकार के दिखावे पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, "करोड़ों युवा नौकरियों की अपनी दुर्दशा का स्थायी समाधान चाहते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार अस्थायी समाधान भी नहीं देकर उन्हें धोखा दे रही है।