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BJP को मिल गई विपक्ष के हथियार की काट! पटना में बनेगा मास्टर प्लान; गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी

लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने सामाजिक न्याय को हथियार बनाया था और भाजपा को घेरने का प्रयास किया था। कई जगहों पर उसे इसमें सफलता भी हासिल हुई। आगे भी विपक्ष का प्लान यही है कि इसी मुद्दे पर सरकार घेरा जाए। हालांकि भाजपा ने इसकी काट के लिए बड़ा प्लान बनाया है और केंद्र सरकार इसे पंचायत स्तर पर लागू करने की तैयारी में है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 06 Sep 2024 09:54 PM (IST)
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पटना में 10 सितंबर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। (File Image)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सामाजिक न्याय का बिगुल फूंककर विपक्षी दल इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे और आगे भी इसी मुद्दे को लेकर चलने की तैयारी में हैं। इस बीच भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का प्रयास है कि लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई पंचायत स्तर तक सरकार के सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के संदेश को पहुंचा दिया जाए।

देश की प्रत्येक पंचायत को किस तरह 'सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित' बनाया जा सकता है, इसके लिए पटना में 10 सितंबर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसमें शामिल सभी राज्यों के पंचायत प्रतिनिधियों व अधिकारियों के सामने बेहतर उदाहरण प्रस्तुत कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और पंचायत विकास योजनाओं में सामाजिक न्याय को प्रमुखता से शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।

सामाजिक न्याय पर फोकस

पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा जिन नौ विषयों पर सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण किया गया है, उनमें सामाजिक न्याय एवं सुरक्षा भी शामिल है। सरकार की सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित पंचायत को लेकर अवधारणा है कि गांव में हर व्यक्ति को देखभाल, सुरक्षा, अपने अधिकारों का लाभ और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ मिले।

इसके साथ ही संविधान के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, दिव्यांग, बुजुर्गों, महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और अन्य उपेक्षित वर्गों की भलाई के पंचायतों में योजनाएं लागू हों। चूंकि, इन वर्गों के कल्याण के लिए अलग-अलग मंत्रालयों की योजनाएं चल रही हैं, इसलिए इनका कन्वर्जेंस आवश्यक है। सरकार चाहती है कि ग्राम पंचायतों के अधिकारियों सहित प्रधान यह जिम्मेदारी समझें, पंचायत विकास योजना में सामाजिक न्याय को शामिल कर पात्रों को चिन्हित कर शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ दिलाने में भूमिका निभाएं।

800 प्रतिनिधि होंगे शामिल

इसी उद्देश्य से 10, 11 और 12 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसमें देशभर से लगभग 800 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व अनिवार्य है और जिन पंचायतों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है, वह प्रस्तुतीकरण करेंगे। मंत्रालय उसकी रिपोर्ट तैयार कर सभी राज्यों से साझा करेगा, ताकि सभी पंचायतों में उस मॉडल को अपनाया जा सके।