'20 सीटें और आतीं तो क्या आतंकियों को रिहा कर देते', खरगे के बयान पर भड़की BJP
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक दिन पूर्व दिए गए बयान को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि क्या कांग्रेस की 20 सीटें और आती तो वे आतंकियों को रिहा कर देते। साथ ही कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले जब विधानसभा चुनाव होते थे तो पाकिस्तान आईएसआई के झंडे फहराए जाते थे।
जागरण संवाददाता, जम्मू। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद पहली बार हो रहा विधानसभा चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है। इस चुनाव में देश भक्त और देशद्रोही ताकतें आमने-सामने हैं।
सुधांशु ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक दिन पूर्व दिए बयान के लिए आड़े हाथ लिया। खरगे ने अनंतनाग में कहा था कि कांग्रेस के पास 20 सीटें और होतीं तो भाजपा के कई नेता जेल में होते। सुधांशु ने कहा कि कांग्रेस बताए कि अगर उसकी 20 सीट और रहती तो क्या वह जेलों से यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह आदि को रिहा कर देती और भाजपा के लोग जेलों में होते।
'अदालत करती हैं जेल भेजने का काम'
उन्होंने कहा कि खरगे को पता होना चाहिए कि जेलों में भेजने का काम सरकार नहीं अदालत करती हैं। सुधांशु त्रिवेदी यहां भाजपा के मीडिया वार रूम में पत्रकार वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार के मामले में सुरेश कलमाडी समेत उसके कई नेता जेल गए। लालू यादव, मायावती पर आय से ज्यादा संपत्ति का मामला दर्ज हुआ।
सुधांशु ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि उन्हें डल झील में घूमने से डर लगता था। जम्मू-कश्मीर के धर्मनिरपेक्ष बनने के बाद पहली बार हो रहे चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर है। मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह से अब देश विरोधियों को डर लगता है। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने भारतीय संविधान के 42वें संशोधन को अपनाते हुए यहां विधानसभा का कार्यकाल छह साल का किया हुआ था।
पाकिस्तान-ISI के झंडे फहराए जाते थे: सुधांशु
उन्होंने कहा कि 42वें संशोधन में धर्मनिरपेक्ष शब्द भी था, उसे विधानसभा ने नहीं अपनाया। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को धर्मनिरपेक्ष बनाने का काम किया है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां की विधानसभा का कार्यकाल भी पांच साल कर देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। त्रिवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले जब विधानसभा चुनाव होते थे तो पाकिस्तान, आईएसआई के झंडे फहराए जाते थे। मोदी सरकार के शासन में केवल तिरंगा झंडा ही फहरा रहा है।