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भाजपा ने बजट के विरोध को बताया कांग्रेस की बौखलाहट, कहा- NDA को कमजोर करने की कोशिश हुई नाकाम

Budget 2024 मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियां लगातार इसे लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही हैं। वहीं भाजपा ने इसे बौखलाहट बताते हुए कहा है कि कांग्रेस एनडीए को कमजोर करना चाहती थी लेकिन उसका यह प्रयास विफल हो गया। जानिए भाजपा ने विपक्ष के आरोपों पर क्या दिए जवाब।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 24 Jul 2024 09:19 PM (IST)
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भाजपा ने कहा कि बजट में शिक्षा और रोजगार का विशेष ख्याल रखा गया है। (File Image)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस व विपक्षी दलों द्वारा बजट के विरोध को भाजपा ने बौखलाहट का नतीजा करार दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा के अनुसार 2024-25 के बजट का सभी वर्गों ने स्वागत किया है और इसमें शिक्षा और रोजगार का विशेष ध्यान रखा गया है।

बिहार और आंध्रप्रदेश को विशेष सहायता के प्रविधान को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 2014 के बाद सभी बजट में पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर जोर देती रही है और यह सहायता भी उसी का परिणाम है। भाजपा ने कांग्रेस पर बिहार और आंध्र प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे मुद्दा उठाकर जदयू और टीडीपी को राजग से अलग करने की कोशिश की, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए। एकजुट और मजबूत राजग को देखकर कांग्रेस के नेता बौखलाहट में बजट का विरोध कर रहे हैं।

जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी: भाजपा

उन्होंने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को दिखाते हुए कहा कि इसमें सिर्फ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वायदा किया गया था। अब वही मोदी सरकार द्वारा राजधानी के निर्माण के लिए विशेष सहायता का प्रविधान का विरोध कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश की मौजूदा हालात के लिए पूरी तरह से कांग्रेस की पुरानी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि वहां जनता कभी कांग्रेस को सभी माफ नहीं करेगी।

'बजट में संतुलित विकास पर जोर'

भाजपा प्रवक्ता ने साफ किया कि 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट में सिर्फ बिहार और आंध्रप्रदेश की बात नहीं है, बल्कि सभी राज्यों के संतुलित विकास पर जोर दिया गया है। संतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए ही इन दोनों राज्यों के लिए विशेष सहायता दी गई है। इसके साथ ही पूर्वोदय योजना के तहत देश के पूरे पूर्वी इलाके के विकास पर ध्यान दिया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और आंध्रप्रदेश को शामिल किया गया है।