'गोहत्या के खिलाफ नहीं थे सावरकर', कर्नाटक के मंत्री के बयान पर बवाल; शिवसेना ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री की ओर से दिए गए सावरकर पर विवादित बयान से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। जहां शिवसेना शिंदे गुट ने मंत्री को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है तो वहीं भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विचारों को ही आगे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा सावरकर परिवार ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव के स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर दिए गए विवादास्पद बयान पर महाराष्ट्र में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कांग्रेस नेता सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों को ही आगे बढ़ा रहे हैं।
गौरतलब है कि कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया था कि सावरकर मांस खाते थे और गोहत्या के खिलाफ नहीं थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने घोषणा की है कि यदि राव क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी पर अपनी टिप्पणी के लिए 24 घंटे के भीतर माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें महाराष्ट्र में कदम रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सावरकर के परिवार ने भी जताया विरोध
मुंबई में सावरकर परिवार ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है तथा उनके पोते रंजीत सावरकर ने घोषणा की है कि वह गुंडू राव के खिलाफ कानूनी रूप से मामला आगे बढ़ाएंगे। राज्य के गृहमंत्री फडणवीस ने कहा कि ये लोग सावरकर के बारे में कुछ नहीं जानते। वे बार-बार उनका अपमान करते हैं।उन्होंने कहा कि सावरकर ने गायों पर अपनी राय बहुत स्पष्ट रूप से व्यक्त की है कि एक किसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक गायों ने उनकी मदद की है। इसलिए गायों को भगवान का दर्जा दिया गया है। राहुल गांधी ने सावरकर पर इस तरह के झूठे बयान देने का सिलसिला शुरू किया और मुझे लगता है कि कांग्रेस नेता अब उसे ही आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
ठाणे से शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने भी गुंडू राव पर निशाना साधा। शिंदे के करीबी सहयोगी म्हस्के ने कहा कि अगर गुंडू राव 24 घंटे के भीतर माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें महाराष्ट्र में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। म्हास्के ने शिवसेना (यूबीटी) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं ?म्हस्के ने कहा कि जो लोग सावरकर का अपमान बर्दाश्त करते हैं, उन्हें बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर दिखाने का कोई अधिकार नहीं है। उद्धव ठाकरे ने सावरकर पर कांग्रेस के रुख का विरोध करने का साहस क्यों नहीं किया ? म्हस्के ने कहा कि कांग्रेस नेता सावरकर के बारे में ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी विचारधारा भ्रष्ट है।