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लोकसभा में आज पेश हो सकता है दिल्ली एमसीडी के एकीकरण का बिल, भाजपा ने जारी किया व्हिप

भाजपा ने लोकसभा की कार्यवाही में उपस्थित रहने के लिए अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। दरअसल आज लोकसभा में दिल्ली नगर निगम के एकीकरण का विधेयक पेश हो सकता है। मोदी कैबिनेट ने तीनों नगर निगमों के एकीकरण को अपनी मंजूरी दे दी है।

By Manish NegiEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 10:55 AM (IST)
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भाजपा ने अपने सांसदों को जारी किया व्हिप (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में तीनों नगर निगमों (Delhi MCD) को एक कर दिया गया है। मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को तीनों नगर निगमों के एकीकरण पर मुहर लगा दी थी। दिल्ली एमसीडी एकीकरण का विधेयक आज लोकसभा में पेश हो सकता है। भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को आज सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। कहा जा रहा है कि पूर्वी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों के एकीकरण को लेकर लोकसभा में विधेयक पेश किया जाएगा।

राज्य चुनाव आयोग ने नहीं किया चुनाव की तारीखों का एलान

गौरतलब है कि नौ मार्च को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों का एलान करना था, लेकिन इसे टाल दिया गया। चुनाव आयोग ने कहा था कि उपराज्यपाल ने पत्र भेजकर तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए केंद्र सरकार की मंशा से उसे अवगत कराया है। इस वजह से आयोग निगम चुनाव की तारीख की घोषणा टाल दी थी। आयोग का कहना है कि 18 मई से पहले नगर निगम का चुनाव हो जाना चाहिए। इसके लिए 18 अप्रैल तक अधिसूचना जारी करनी होगी।

हमलावर है AAP

एमसीडी चुनाव की तारीखों को टालने और नगर निगम को एकीकरण किये जाने को लेकर दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को खुला चैलेंज दिया है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहती है, लेकिन छोटी सी आम आदमी पार्टी से घबराकर नगर निगम चुनाव टलवाने में लगी है। उन्होंने आगे कहा कि यदि बीजेपी दिल्ली में समय पर चुनाव करवाकर जीतकर दिखा दें, राजनीति करना छोड़ देंगे।

नगर निगम के एकीकरण की वजह

दरअसल, उत्तरी निगम के महापौर राजा इकबाल सिंह, दक्षिणी के मुकेश सुर्यान व पूर्वी के श्याम सुंदर अग्रवाल ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। तीनों मेयरों ने इस प्रस्ताव में कहा था कि निगमों की खराब आर्थिक स्थिति से कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो रही है और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में इन्हें एक करने की आवश्यकता है।