Move to Jagran APP

'सिद्धारमैया का कार्यकाल कर्नाटक के इतिहास में सबसे भ्रष्ट', भाजपा नेता बीएल संतोष ने साधा निशाना

Karnataka Assembly Polls 2023 भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया का कार्यकाल राज्य के इतिहास में सबसे भ्रष्ट अविवेकपूर्ण और हिंदू-घृणित रहा।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 05 Apr 2023 11:09 AM (IST)
Hero Image
'सिद्धारमैया का कार्यकाल कर्नाटक के इतिहास में सबसे भ्रष्ट', भाजपा नेता बीएल संतोष ने साधा निशाना
बेंगलुरु, एजेंसी। Karnataka Assembly Polls 2023: 'कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया का कार्यकाल राज्य के इतिहास में सबसे भ्रष्ट, अविवेकपूर्ण और हिंदू-घृणित रहा।' भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने बुधवार को ये टिप्पणी की है।

जनता अभी भी उन काले दिनों को भूल नहीं सकता

बीएल संतोष ने ये टिप्पणी सिद्धारमैया के उस बयान के प्रतिक्रिया में की है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी। बीजेपी नेता ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'सिद्धारमैया कर्नाटक के इतिहास में सबसे भ्रष्ट, अविवेकी और हिंदू-घृणित सरकार का नेतृत्व किया। जनता अभी भी उन काले दिनों और फिर कुछ महीनों के गठबंधन नाटक के बारे में जानती है। मतदाताओं ने कर्नाटक को निर्णायक जनादेश देने का मन बना लिया है।

सिद्धारमैया ने लगाया था ये आरोप

इससे पहले 4 अप्रैल को सिद्धारमैया ने आरोप लगाया था कि 'राज्य में बीजेपी के कई नेता पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा था कि पूर्ण बहुमत से कांग्रेस सत्ता में आएगी।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरजेवाला ने भी कहा था कि भाजपा के कई विधायकों ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कर्नाटक में हर कोई जानता है कि लहर कांग्रेस के पक्ष में है। भाजपा आलाकमान अच्छी तरह जानता है कि पार्टी डूब रही है और वह राज्य में सत्ता में नहीं आ सकती। नफरत की राजनीति और हिंदुत्व आने वाले कर्नाटक चुनाव में काम नहीं कर रहा है।'

10 मई को होंगे चुनाव

जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। वर्तमान में, कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों में से 119 विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के हैं, जबकि कांग्रेस के पास 75 और जद (एस) के पास 28 सीटें हैं।