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भाजपा ने कहा- धर्म और भाषा के चश्मे से न देखें एनआरसी का मुद्दा

जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इस मसौदे को धर्म और भाषा के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और लोगों को इस बारे में किसी तरह की अफवाहों और अटकलों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

By Vikas JangraEdited By: Updated: Tue, 31 Jul 2018 07:55 AM (IST)
भाजपा ने कहा- धर्म और भाषा के चश्मे से न देखें एनआरसी का मुद्दा
नई दिल्ली [एजेंसी]। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर मंगलवार को दिनभर चर्चा चलती रही। संसद में इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। शाम होते-होते यह मुद्दा धर्म और भाषाई आधार पर बंटना दिखने लगा। जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इस मसौदे को धर्म और भाषा के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और लोगों को इस बारे में किसी तरह की अफवाहों और अटकलों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

इस बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसे राजनीति का मुद्दा बनाना गलत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने का काम सर्वेोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि अभी एनआरसी का काम पूरा नहीं हुआ है, जो लोग छूट गए हैं उन्हें नागरिकता साबित करने का पूरा मौका मिलेगा। हुसैन ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इसे भाषा और धर्म से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

संसद में गूंजा असम का मुद्दा

सोमवार को असम में एनआरसी का ड्राफ्ट आने की धमक दिल्ली मे भी सुनाई दी। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने एक तरह से आरोप लगाया कि प्रदेश में कई लाख लोगों को नागरिकता के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। लेकिन यह भी सच्चाई है कि असम समेत पूरे उत्तर पूर्व में बड़ी संख्या में बंग्लादेशी घुसपैठी का कब्जा है। यही कारण है कि वहां के मूल निवासी भी इससे निजात पाना चाहते हैं, लेकिन उतना ही सच यह भी है कि सामान्य तौर पर पूरा देश इस समस्या से निपटना चाहता है। ऐसे में विरोधी दल इसका जितना विरोध करेंगे, भाजपा के लिए यह साबित करना उतना ही आसान होगा कि वह राष्ट्र की बात कर रही है और विरोधी राजनीति की। कांग्रेस इसकी संवेदनशीलता को समझ रही है और यही कारण है कि वह सतर्क है।

गृहमंत्री राजनाथ ने दिया भरोसा, किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं

असम में नेशनल रजिस्टर फार सिटीजन (एनआरसी) के ड्राफ्ट रिपोर्ट की गूंज संसद में भी सुनाई दी। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण जहां राज्यसभा नहीं चल पाई, वहीं लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसी के साथ भेदभाव नहीं होने का भरोसा दिया। राजनाथ सिंह का कहना था कि यह केवल ड्राफ्ट है कि जिन लोगों का नाम इसमें नहीं है, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा।