दिग्गी ने बढ़ाई एमपी की सियासी तपिश, भाजपा लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप, शिवराज ने दिया जवाब
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मप्र में भाजपा के दिग्गज नेता खुलेआम कांग्रेस विधायकों को 25-35 करोड़ की घूस ऑफर कर रहे हैं।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 07:12 PM (IST)
आनन्द राय भोपाल ([नईदुनिया)]। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर फिर अटकलें शुरू हो गई हैं। दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि भाजपा 25-25 करोड़ रुपये में कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। दिग्विजय का यह दावा कितना दमदार है कहा नहीं जा सकता, लेकिन कांग्रेस के अंदरखाने में उपजी गुटबाजी से भी सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। इस राजनीतिक दांव-पेच ने ठहरे हुए पानी में कंकड़ फेंक दिया है। अचानक मध्य प्रदेश का पारा चढ़ गया है और राजनीतिक गलियारों में इसकी तपिश महसूस की जाने लगी है।
कुल 230 सदस्यों वाले सदन में फिलहाल दो सीटें रिक्त हैं, जहां निकट भविष्य में चुनाव होने हैं। बाकी सपा के एक, बसपा के दो, चार निर्दलीय और कांग्रेस के 114 सदस्यों समेत कुल 121 सदस्य सत्ता पक्ष में हैं। भाजपा के 107 सदस्य हैं। बहुमत के लिए भाजपा को सिर्फ नौ सदस्यों की जरूरत है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही खुलकर न बोलते हों, लेकिन मुख्यमंत्री न बन पाने के बाद से ही उनके समर्थकों की टीस बढ़ती जा रही है। जाहिर है कि भाजपा के रणनीतिकार इसका भी फायदा उठाने की जुगत लगा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में कहा तो यही जा रहा है कि वह इस तरह जोड़-तोड़ की सरकार बनाने की बजाय जनता के जरिये अपनी वापसी का सपना देख रहे हैं पर राजनीतिक पंडित यह भी दलील देते हैं कि सफलता मिलने तक वह अपना पत्ता नहीं खोलना चाहते हैं। उनकी सरकार में मंत्री रह चुके नरोत्तम मिश्रा भी जोड़-तोड़ की राजनीति में कम सक्रिय नहीं हैं।
उधर, दिग्विजय ने कांग्रेस के विधायकों के खरीदे जाने का दावा किया तो कांग्रेसी किले में भी चौकसी बढ़ गई है। पिछले कुछ महीनों में जिन कांग्रेसी विधायकों की भाजपा के संपर्क में जाने की चर्चा हुई उन पर निगाहें टिक गई हैं। सरकार बचाने और बनाने के दांव-पेच के बीच कौन-कितना कारगर होगा, यह तो अभी साफ नहीं है, लेकिन मौके-ब-मौके कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायकों की पीड़ा जरूर छलकी है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय कहते हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और पार्टी भारी अंतर्विरोध से गुजर रही है। मंत्रियों से लेकर बड़े नेता सरकार पर टिप्पणी कर रहे हैं। अंतर्विरोधों से जनता का ध्यान हटाने के लिए दिग्विजय ने आधारहीन बयान दिया है। उनका बयान भ्रम से भरा है, लेकिन उससे यह साफ है कि कांग्रेस से न सरकार संभल रही और न ही पार्टी।
जानें- क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जब से भाजपा विपक्ष में आई है शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और वो सब जिन्होंने 15 साल तक राज्य को लूटा खुलेआम कांग्रेस विधायकों को 25-35 करोड़ की घूस ऑफर कर रहे हैं। यह कर्नाटक नहीं, मध्य प्रदेश है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायक बिकाऊ नहीं हैं।
दिग्विजय ने कहा कि मैं बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगाता। शिवराज और नरोत्तम में सहमति बन गई है। एक मुख्यमंत्री और दूसरा डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहे हैं। शिवराज और नरोत्तम कांग्रेस विधायकों को फोन कर रहे हैं और खुलेआम 25 से 35 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहे हैं। 5 करोड़ अभी ले लो, दूसरी किश्त राज्यसभा चुनाव में और तीसरी किश्त सरकार गिराने (फ्लोर टेस्ट) के बाद दी जाएगी।शिवराज सिंह ने दिग्गी को दिया करारा जवाब
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ये उनकी (दिग्विजय सिंह) पुरानी आदत है। उनके दिमाग का कोई आकलन नहीं कर सकता है। उनके दिमाग में हमेशा फ़ितूर ही चलता रहता है। झूठ बोलकर सनसनी फैलाना उनकी पुरानी आदत है। मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर अपना महत्व जताना चाहते होंगे इसलिए ऐसा बयान दिया होगा।