'सरकार डर गई है', लेटरल एंट्री पर रोक लगने के बाद प्रकाश अंबेडकर ने कसा सरकार पर तंज
लेटरल भर्ती पर रोक लगाए जाने के बाद वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने सरकार पर तंज कसा। मंगलवार को ANI से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार में प्रवेश केवल यूपीएससी और राज्य बोर्डों के माध्यम से ही किया जा सकता है। मंत्री प्रधानमंत्री राष्ट्रपति या भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी रोजगार देने का अधिकार नहीं है।
पीटीआई, नागपुर। विपक्षी के हंगामा और दबाव के बाद सरकार ने लेटरल भर्ती पर रोक लगाने का फैसला किया है। हाल ही में UPSC ने लेटरल भर्ती को लेकर एक विज्ञापन जारी किया था। दरअसल, लेटरल एंट्री के जरिए किसी भी शख्स को UPSC के एग्जाम में बैठने की जरूरत नहीं पड़ती है और डायरेक्ट उसकी नियुक्ति बड़ें पदों पर हो जाती है।
हालांकि, इस प्रक्रिया पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए और सरकार से अपने फैसले को बदलने की मांग की। हालांकि, पीएम मोदी ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने का फैसला कर लिया है।
डीओपीटी ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखा पत्र
यूपीएससी में लेटरल एंट्री रद्द करने के लिए डीओपीटी ने यूपीएससी चेयरमैन को एक पत्र भी लिखा है। इस बीच वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने सरकार पर तंज कसा। प्रकाश ने ANI से बातचीत के दौरान कहा कि 'केंद्र सरकार और राज्य सरकार में प्रवेश केवल यूपीएससी और राज्य बोर्डों के माध्यम से ही किया जा सकता है। मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी रोजगार देने का अधिकार नहीं है।#WATCH | Nagpur, Maharashtra: On DoPT writing to UPSC chairman on cancelling lateral entry in UPSC, President of Vanchit Bahujan Aaghadi (VBA) Prakash Ambedkar says, "...Entry into the central government and state government can only be made through the UPSC and state boards… pic.twitter.com/gi8Ade9LjG
— ANI (@ANI) August 20, 2024
'सरकार डर गई है'
ANI से बातचीत के दौरान प्रकाश ने कहा, 'सरकार ने यू टर्न किसकी वजह से लिया इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन जो मनमानी चल रही थी लेटरल एंट्री के लिए या डायरेक्ट IPS या अन्य बड़े पदों के लिए, उसको मेरे ख्याल से रोक लगाई जानी चाहिए। अगर आपको सेंट्रल गर्वमेंट में एंट्री करना है तो UPSC के माध्यम से करना है वहीं, स्टेट में एंट्री करना है तो स्टेट बोर्ड के माध्यम से एंट्री करना है। सरकार डर गई है क्योंकि किसी मंत्री को, पीएम को या किसी देश की राष्ट्रपति को रोजगार देने का कोई अधिकार नहीं है। यह भी पढ़ें: 'आपके पिताजी ने आरक्षण क्यों नहीं दिया' लेटरल एंट्री को लेकर BJP ने राहुल गांधी से पूछे सवाल