'चुनावी बॉन्ड को भाजपा ने काले धन को सफेद करने का बनाया माध्यम', कांग्रेस ने कहा- चुनाव आयोग दिखाए अपनी निष्पक्षता
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर चुनावी बांड से चंदा हासिल करने के लिए कंपनियों को फायदा पहुंचाकर उसके बदले बॉन्ड के माध्यम से भाजपा के खातों में काले धन को स्थानांतरित करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि 2018 में शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना सरकार द्वारा चलाया गया अब तक का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट था
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर चुनावी बांड से चंदा हासिल करने के लिए कंपनियों को फायदा पहुंचाकर उसके बदले बॉन्ड के माध्यम से भाजपा के खातों में काले धन को स्थानांतरित करने की 'साजिश' करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र और गृहमंत्री अमित शाह से जवाब मांगा है।
जयराम रमेश ने भाजपा पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि एक ओर चुनावी बॉन्ड 'घोटाले' पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित चुप हैं तो दूसरी ओर सरकार के दबाव में लोकसभा चुनाव से पहले इनकम टैक्स अधिकारियों के जरिए कांग्रेस के खाते फ्रीज कराए गए हैं। सरकार का 'कर आतंकवाद' और कांग्रेस पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' करने का आरोप लगाते हुए जयराम ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया गया है।
चुनाव आयोग पर क्या बोले कांग्रेस महासचिव
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुए चुनावी बॉन्ड के खुलासे से गरमाई सियासत पर रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि इसके मद्देनजर चुनाव आयोग जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप चुनावों के दौरान 'पूर्ण निष्पक्षता और तटस्थता' बनाए रखने के अपने संवैधानिक कर्तव्यों पर खरा उतरेगा।चुनावी बॉन्ड को बताया सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट
उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना सरकार द्वारा चलाया गया अब तक का ''सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट'' था जब यह पता चला कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से लगभग 6,800 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं, जबकि कांग्रेस को 1300 रुपए से अधिक प्राप्त हुए।
जयराम ने दावा किया कि 2018 में पीएमएलए के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए वित्त मंत्रालय ने जिन 19 कंपनियों को 'उच्च जोखिम' के रूप में चिह्नित किया था उन्होंने सामूहिक रूप से 2717 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे हैं। चुनावी बांड खरीदने वाली इन 19 कंपनियों में से 18 कंपनियां 'उच्च जोखिम' वाली कंपनियों की बाद की वार्षिक सूची में शामिल नहीं हुईं।
जयराम ने उठाया सवाल
जयराम ने सवाल उठाया कि क्या उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा के खजाने में उनके योगदान के कारण इस सूची से हटा दिया गया था। कांग्रेस को भी चुनावी बॉन्ड से चंदा मिलने के गृहमंत्री के तर्क को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई, ईडी या आयकर कांग्रेस के नियंत्रण में नहीं थे और न ही उसके पास बंदरगाहों, राजमार्गों जैसे बड़े अनुबंध देने का अधिकार था।