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Lok Sabha polls 2024: मध्य प्रदेश के लिए BJP गुरुवार को जारी कर सकती है पहली लिस्ट; प्रत्याशियों की सूची में कौन-कौन?

नई दिल्ली में गुरुवार को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक होने की संभावना है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। भाजपा इस बार किसान महिला गरीब को चुनावी मैदान में उतार सकते है। प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दिए थे कि इस बार के चुनाव में उनकी नजर किसान महिला गरीब और युवाओं पर है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 28 Feb 2024 10:57 PM (IST)
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मध्य प्रदेश के लिए BJP गुरुवार को जारी कर सकती है पहली लिस्ट (Image: Jagran)
भोपाल, जागरण न्यूज नेटवर्क। नई दिल्ली में गुरुवार को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक होने की संभावना है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। इससे पहले आज दिल्ली में लोकसभा टिकट के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई।

इस बैठक में मुख्यमंत्री डा़ मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा एमपी में नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारेगी। वहीं, तीन से अधिक बार चुनाव लड़ चुके सांसदों को इस बार टिकट नहीं मिलेगा।

इन्हें उतारने की तैयारी में भाजपा

भाजपा इस बार किसान, महिला, गरीब और युवाओं को चुनावी मैदान में उतार सकते है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिए थे कि इस बार के चुनाव में उनकी नजर किसान, महिला, गरीब और युवाओं पर है। पार्टी अब इन्हें संसद में भेजने की रणनीति बना रही है।

मध्य प्रदेश में कितनी सीट?

बता दें कि मध्य प्रदेश की 29 संसदीय सीटों में 5 रिक्त हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में दो अन्य सीटों पर सांसद चुनाव हार गई थी। ऐसे में, भाजपा विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में पुराने चेहरों को लाने की गलती नहीं करेगी। दिल्ली में हुई बैठक के अनुसार, जो नेता 3 या 4 से अधिक बार सांसद बन चुके हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट मिलना असंभव है।

कौन-कौन हैं ऐसे सांसद?

भाजपा विधानसभा चुनाव में पहले से ही 3 या 4 बार रह चुके सासंदों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है। इसमें 6 बार के सांसद मंडला संसदीय सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। इनकी जगह लोकसभा में इस बार किसी आदिवासी को उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। इसमें टीकमगढ़ संसदीय सीट पर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के नाम की चर्चा की जा रही है। सतना से विधानसभा चुनाव हार चुके सांसद गणेश सिंह को भी लोकसभा सीट से दूर रखा जाएगा। वहीं, विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव और राजगढ़ से रोडमल नागर की जगह लोकसभा के लिए किसी और को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।

इन सीटों पर बदल सकते हैं चेहरे

कमजोर प्रदर्शन के कारण कई ऐसे सांसद भी हैं, जिन्हें दोबारा टिकट नहीं मिल सकेगा। इसमें ग्वालियर से विवेक नारायण शेजवलकर, गुना से केपी यादव सागर से राजबहादुर सिंह, रीवा से जनार्दन मिश्रा, बालाघाट से डा. ढाल सिंह बिसेन, भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मंदसौर से सुधीर गुप्ता और खरगोन से गजेंद्र सिंह पटेल का नाम हो सकता हैं। महिला उम्मीदवार होने के कारण शहडोल से हिमाद्री को एक मौका दिया जा सकता है।

क्या युवाओं को मिलेगा इस बार मौका?

लोकसभा चुनाव में भाजपा इस बार युवाओं को मौका देकर पीढ़ी परिवर्तन का संदेश देने की कोशिश करेगी। राज्यसभा चुनाव के लिए भी भाजपा ने ज्यादातर नए चेहरों पर ही दांव लगाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि नए चेहरों में किसान, गरीब, युवा और महिलाओं को मौका दिया जा सकता है। यह वहीं होंगे जो संघ की विचारधारा से जुड़े होंगे और चुनाव लड़ने के लिए अधिक अमीर नहीं होंगे।

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