भोजपुरी में शपथ क्यों नहीं ले पाया बिहार का ये सांसद? जताना पड़ा अफसोस, जानें इसके पीछे की वजह
बिहार की सारण लोकसभा सीट से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने चाहकर भी भोजपुरी में शपथ नहीं लेने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि अगर आज भोजपुरी में शपथ ले पाता तो बहुत अच्छा होता। सांसदों को अपनी-अपनी भाषा में शपथ लेते देखना अच्छा लगा। बाद में राजीव प्रताप ने हिंदी में शपथ ली। रूडी ने लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव में हराया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले दिन भाषाई और सांस्कृतिक विविधता देखने को मिली। कई सांसदों ने अपनी मातृभाषा में शपथ ली। मगर बिहार के सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अफसोस जताया कि वह भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए। सोमवार को लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों ने अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, डोगरी, बंगाली, असमिया और ओडिया समेत कई भारतीय भाषाओं में शपथ ली।
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22 भाषाओं में शपथ ले सकते हैं सांसद
सांसद अंग्रेजी या संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से किसी में भी शपथ ले सकते हैं। भोजपुरी आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध नहीं है। यही वजह है कि राजीव प्रताप रूडी चाहकर भी भोजपुरी में शपथ नहीं ले सके।
भोजपुरी में शपथ ले पाते तो...
रूडी ने कहा कि सांसदों को अपनी मातृभाषा में शपथ लेते देखना अच्छा लगा। हर कोई अपनी भाषा में शपथ ले रहा है और यह बहुत अच्छा लग रहा है। अगर हम भोजपुरी में शपथ ले पाते तो और भी अच्छा होता। रूडी ने यह बात अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कही।बता दें कि उस समय शपथ ग्रहण की अध्यक्षता बिहार के पूर्वी चंपारण से भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह कर रहे थे। बाद में राजीव प्रताप सिंह रूडी ने हिंदी में शपथ ली। राजीव प्रताप रूडी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को लोकसभा चुनाव में हराया था।यह भी पढ़ें: देश के इस प्रदेश में उठी अलग राज्य की मांग, भाजपा ने जताया विरोध; कांग्रेस और कम्युनिस्ट दलों पर साधा निशाना